आज भी हमारे दिलो में जिंदा है मिस्टर क्लीन: शिवहरे

कोलारस। जिसे हम आज तक इसे भुला नहीं पाए हैं। आज ही वह मनहूस दिन था जब देश ने ‘‘मिस्टर क्लीन’’ नाम से पहचाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को वक्त से पहले खो दिया था। ओर इस दिन पर पूरे देश ने श्रद्धा के साथ याद किया। साथ ही कोलारस में भी कांग्रेसिंयो ने कांग्रेस कार्यालय पर मिस्टर क्लीन नाम से ख्याती पाने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पुष्प अर्पित कर नमन किया साथ ही राजीव गांधी के जीवन पर प्रकाश डाला।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष और विधायक रामसिंह यादव ने राजीव गांधी के जीवन पर प्रकाष डालते हु बताया कि। संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद ही राजीव गांधी भारत राजनीती में आए। इससे पहले वे इंडियन एयरलाइन्स में विमान चालक हुआ करते थेे। 

जिसके बाद 1981 में उन्होंने अमेठी में संासद सदस्य का चुनाव जीतकर आए और सन 1983 वे काँग्रेस पार्टी के महासचिव नियुक्त हुये। 31 अक्टूबर, 1984 के दिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बाद उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

नपाध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे ने क्लीन मैन  के नाम से ख्याती पाने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1985 के आम चुनाव में प्रचंड जनमत प्राप्त करने के बाद उन्होंने विधिवत् प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। 1985 के आम चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत के पीछे जनता जनार्दन की सहानुभूति एक महत्वपूर्ण कारण तो थी ही। 

मगर प्रधानमंत्री के पद पर राजीव गांधी के आरोहण का एक अन्य मुख्य कारण विभिन्न मसलो पर उनका आधुनिक दृष्टिकोण और युवा उत्साह था। भारतीय लोक्तान्त्रको सत्ता के दलालों से मुक्त कराने की बात कहने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे। भ्रष्ट नौकरशाही को भी उन्होंने आड़े हाथो लिया। उन्होंने ही सबसे पहले देश को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में ‘इक्कीसवी सदी के ओर ले जाने का नारा देकर जनमानस में नई आशाएं जगाई ऐसे देष के सच्चे सेवक को नमन। वह कुश्ल व्यत्तिव के धनी, विवेकशील और गतिशील नेता थे।

सिंधिया फेंस क्लब जिलाध्यक्ष पवन शिवहरे ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जीवन के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि  1986 में गुट - निरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व भारत के पास आने पर कई अंतरराष्ट्रीय मसलो पर स्पष्ट और बेबाक नीती देकर राजीव गांधी ने भारत को एक सम्मानजनक स्थान दिलाया। राजीव गांधी ने माले में हुए विद्रोह को दबाकर और श्रीलंका की जातीय समस्या के निदान के लिए स्वतंत्र पहल पर समझौता कर हिंद महासागर में अमरीका, पाक तथा अन्य देशो के बढ़ते सामरिक हस्तक्षेप पर अंकुश तो लगाया साथ ही विश्व को यह भी अहसास करा दिया की भारत इस क्षेत्र में एक महती शक्ति है। 

जिसे विश्व की कोई भी ताकत अनदेखा नहीं कर सकती.इससे विश्व राजनीती में भारत की एक विशिष्ट पहचान बनी। साथ - साथ राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हुए। प्रधानमंत्रीत्व काल के अंतिम दो वर्षों में अपने निजी सलाहकारों की कारगुजारियो की वजह से राजीव गांधी कुछ ऐसे विवादों से आ घिरे। जिससे उनकी प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा। 

‘मिस्टर क्लीन’ की छवि भी धूमिल हुई। लेकिन 1991 के चुनावों में जनता उन्हें फिर से बहुमत से विजयी बनाया। इस विश्वास और जनता से मिले समर्थन - स्नेह से अभिभूत हो राजीव गांधी ने अपने सुरक्षा का घेरा भी तोड दिया। मगर विधी की विडम्बना देखिये की जानता से उनकी करीबी ही उनकी जान ले बैठी। 

21 मई, 1991 को मद्रास से 50 किमी. दूर स्थित श्री पेरुंबुदुर में एक चुनाव सभा में लोगों से हार लेते समय श्री गांधी एक भयंकर बम विस्फोट का शिकार हो गये। इस सुनियोजित षडयंत्र ने देश की राजनीती से एक युवा युग और आकांक्षा का हमेशा के लिए पटाक्षेप कर दिया जिसने भारतीय ही नहीं पुरे विश्व जनमानस को भीतर तक झकझोर कर रख दिया। राजीव गांधी आज भी हमारे दिलो में जिंदा है। 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री के राजीव गांधी कि पुण्यतिथी के मौके पर कोलारस विधायक रामसिंह यादव, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सौहन गौड़, विधानसभा प्रभारी अषोक चौधरी, नपाध्यक्ष रविन्द्र षिवहरे, पूर्व नपाध्यक्ष धर्मेन्द्र जैल पल्लन, श्रीमंत सिंधिया फेंस क्लब जिलाध्यक्ष पवन शिवहरे, सांसद प्रतिनिधी हरिओम रघुंवंशी,  विधायक प्रतिनिधी ओपी भार्गव, पूर्व सांसद प्रतिनिधी वलवीर निवौरिया, राजेश यादव, सफी काजी, गुडडा राव, इमरान अली, विकास कुशवाह, हेमन्त कुशवाह आदी लोगो ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कि पुण्यतिथी पर उनहे नमन किया।