ये कैसा स्वच्छ भारत अभियान: शिकायत के बाद भी साफ नहीं होती गंदगी

सतेन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। जिले के कोलारस जनपद पंचायत के अंर्तगत आने वाले लुकवासा क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी सरेआम प्रधान मंत्री के सपने पर पानी फैर रहे है। आज दिनांक तक कोई भी इस सपने को साकार  करने की बजाए अपनी जेब भरने में मसरूक है। यहां स्बच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों का तो निर्माण लगातार खुद की जेब भरने को पंचायत करा रहीं है परंतु सरेआम रास्ता कींचड में तब्दील हो गया है उस और कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। 

कोलारस जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत लुकवासा जोकि जनपद क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत के रूप में सोमवार है उसके अंतर्गत स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां किस तरह उड़ाई जा रही हैं । जिसकी तस्वीर आपको गांधीनगर शासकीय स्कूल के पास देखने को मिलेगी आसपास के रहवासियों का निकलना मुश्किल हो रहा है कीचड़ एवं गंदगी के अंबार लगे हुए हैं ।

इतना ही नहीं जब इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि को अवगत कराना चाहा एवं पुलिस चौकी लुकवासा प्रभारी को भी आवेदन के माध्यम से स्थानीय निवासी सूचित कर चुके हैं। मगर सभी जगह से एक ही जवाब मिलता है यह हमारा काम नहीं है । अव मोहल्लावासी आखिर जाएं तो कहां जाएं एक बड़ा सवाल उनके सामने खड़ा हुआ है उनके बच्चे गंदगी के ढेर के बीच रहने को मजबूर हैं।

इस बात से बेखबर कि इस गंदगी के बीच कितनी गंभीर बीमारियों की चपेट में वह लोग आ सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों किसी गंभीर घटना के इंतजार में बैठे हैं शायद जब कोई मौत हो जाए तब राजनीतिक रोटियां सीखने उसके घर जाकर तो बैठ सकते हैं।

मगर इस गंदगी के घर पर कार्रवाई करने से अभी तक बचते आ रहे हैं अंधेर नगरी चौपट राजा बाली कहावत यहां पर सही बैठती है जहां पर ना कुछ सुनने वाला है ना कोई निर्णय लेने वाला आखिर मोहल्लावासी जाएं तो कहां जाए।

इनका कहना है-
उस जगह के बारे में मुझे जानकारी है यहां नाली छोटी पड़ रही है जिससे पानी की निकासा नहीं हो पाती। अब हम बात कर रहे है। इसके लिए अलग से बजट तो नहीं है पर विधायक निधि से या जन भागीदारी से इस नाली का निर्माण कराया जाएगा। जिससे पानी की प्रोपर निकासी हो सके। अब ये जो ग्रामीण है वह सहयोग तो करते नहीं है। सिर्फ शिकायत करते है अगर थोड़ा सा भी सहयोग करें तो यह समस्या खत्म ही हो जाती।
आरके पाण्डे,एसडीएम कोलारस