सिंधिया ने शिवपुरी में ट्रस्ट की जमीनें बेच दीं: मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना शिवपुरी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर खुला आरोप लगाया है कि उन्होंने शिवपुरी में जनसेवा के लिए बनाए गए ट्रस्ट की जमीनें बेच दीं। जिस शिवपुरी में गरीब बसते हैं, वहां 700 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि राजमाता सिंधिया हर भाजपाई के लिए पूज्यनीय है परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया में उनका कोई गुण नहीं है। 

धार में हुई प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने कहा कि राजमाता हमारी प्रेरणा का केंद्र हैं लेकिन ज्योतिरादित्य जैसों की बात करें तो उन्हें राजमाता से मिलाने की कोशिश मत करना। ज्योतिरादित्य जैसे स्वार्थी लोग... मुझे कहते हुए आश्चर्य होता है जो ट्रस्ट लोक कल्याण के लिए होते हैं, उनकी जमीनें ज्योतिरादित्य ने बेच दी। शिवपुरी जैसे जिले में जहां गरीब बसते थे, ऐसी 700 एकड़ जमीन पर कब्जा कर बाउंड्रीवाल बना ली। राजमाताजी के चरणों में हमेशा यह शीश झुका रहेगा लेकिन जो उनके रास्तों पर नहीं चलते, उनको वह आदर किसी भी कीमत पर नहीं मिलेगा। 

2012 में प्रभात झा ने भी लगाया था यही आरोप 
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने गुना-शिवपुरी सांसद एवं तत्कालीन केन्द्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कथित सरकारी जमीन को कब्जाने का आरोप लगाया था। झा ने जिला मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंधिया पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा था कि शिवपुरी में सिंधिया छत्री ट्रस्ट द्वारा 6.2 बीघा सरकारी भूमि को बाउंड्रीबाल कर अपने कब्जे में ले लिया है जिस पर शिवपुरी के पूर्व कलेक्टर जान किंग्सले ने नोटिस भी जारी किया है। झा ने कहा था कि जिस भूमि पर कब्जा किया गया है उसमें लोक निर्माण विभाग की सडकें और सार्वजनिक मार्ग भी बाउंड्री के भीतर कर लोगों का आवागमन रोक दिया गया है। झा ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि सिंधिया एक माह के भीतर यह स्पष्ट नहीं करते कि 1967 के पहले यह जमीन किसके स्वामित्व की थी, तथा क्या भूमि पर बाउंड्रीबाल बनाने की अनुमति उनके पास है, तो वह स्वयं इसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायेंगे ।

इसके बाद प्रभात झा का काफी विरोध हुआ। सिंधिया समर्थकों ने उन्हे इस मामले को प्रमाणित करने की खुली चेतावनी दी। एक माह गुजर जाने के बावजूद प्रभात झा इस मामले को प्रमाणित नहीं कर पाए थे। कहा जाता है कि प्रभात झा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के 10 प्रमुख कारणों में से एक यह बयान भी था।