भारतीय राजनीति में विपक्ष के रूप में नया उदय हुआ आप पार्टी का: एड.पीयूष शर्मा

शिवपुरी। यह भारतीय राजनीति में आम आदमी पार्टी का नया उदय है कि महज 4 वर्ष की आप पार्टी ने अपनी कार्यशैली, जनहितकारी योजनाओं, भ्रष्टाचारमुक्त शासन और जन-जन के बीच पहुंचकर उनके दु:खदर्द मे शामिल होना यह सब पता चलता है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से जिसमें आम आदमी पार्टी 25 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है यहां कांग्रेस, भाजपा-अकाली दल के गठबंधन के बाद भी आप पार्टी ने संभवत: विपक्ष का स्थान बनाकर द्वितीय स्थान पर रही है ।

इससे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है और हमें विश्वास है कि इस पूर्ण जनमत के साथ आगामी समय में आने वाले विधानसभा चुनावो मे आप पार्टी का इससे बढक़र और प्रदर्शन होगा। उक्त बात कही आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा जो स्थानीय होटल हैप्पीनेस में आप पार्टी को पंजाब मे मिली जीत पर उत्साहित होकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। 

इस दौरान आप पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र विकल व आप पार्टी के वित्त सचिव जे.एस.सक्सैना भी मौजूद थे। इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ताओं संगठन प्रमुख अब्दुल आरिफ, अमित योगी, जितेन्द्र ओझा, गजेन्द्र किरार सहित अन्य आप कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी चलाकर और मिष्ठान वितरित कर अपनी खुशी का इजहार किया। 

अल्प समय में सबसे बड़ा दल बनकर उभरी आप पार्टी 
प्रेसवार्ता में आप पार्टी जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा के साथ-साथ वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र विकल व जे.एस.सक्सैना ने संयुक्त रूप से बताया कि महज 4 वर्ष के अल्प समय में आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में पंजाब चुनाव में उभरकर सामने आई है। 

इससे पूर्व जब 1984 में भाजपा की पार्टी बनी थी तब 1984 के चुनाव में भाजपा को केवल 2सीटें मिली, बहुजन समाज पार्टी भी 1984 में बनी और 1989 के चुनावों में चार सीटें मिली थी, साथ ही यदि हम व्यक्तियों को देखें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 1984 में भाजपा में आए थे और 16 वर्ष बाद 2011 में गुजरात के मु यमंत्री बने, मायावती 1984 मे बसपा में आई और 11 वर्ष बाद 1995 में मुख्यमंत्री बनी।

वहीं इनकी तुलना आप पार्टी से की जाए तो आम आदमी पार्टी का गठन 4 वर्ष पूर्व हुआ था और वर्ष 2013 एवं 2015 के विधानसभा चुनाव दिल्ली में आप पार्टी को बहुमत मिला और दो बार दिल्ली के मु यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बने। ऐसे में महज 4 वर्ष मे आप पार्टी वह पार्टी है जो दिल्ली में सरकार चल रही हैं तो वहीं अब 2017 के विधानसभा चुनाव परिणामों में पंजाब मे प्रमुख विपक्षी पार्टी बनने जा रही है। आप पार्टी का उद्देश्य है कि वह सुशासन, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और लूट की राजनीति को दूर करने का है और यही हम प्रयास कर रहे है।