मिलिए शिवपुरी के मुस्सद्दी लाल से: जनसुनवाई में 103 आवेदन फिर भी सुनवाई नही

कोलारस। सीमए शिवराज सिंह ने जनसुनवाई शिवपुरी जिले में कितना गंभीरता से लिया जा रहा है उसका एक उदाहरण कोलारस से आ रहा है। बताया जा रहा है कि एक किसान की मां कहे जाने वाली जमीन को फोरलेन ने खोद दिया है। न ही भूमि समतल की और न ही भुगतान किया है। 

जानकारी आ रही है कि मुकेश शर्मा पुत्र स्व. भगवानलाल शर्मा कि भूमि ग्राम टगर कोलारस में स्थित है जिसका सर्वे नंबर 139 रकवा 0.72 है। जिसमें मुकेश के अलावा उसके दो भाई और भी सम्मिलित है। दोनो भाईयो का पहले ही देहान्त हो चुका है। दोनो परिवारो जिम्मेदारी भी किसान पर है। चुकी उनकी आय का मुख्य श्रोत खेती है। लेेकिन उक्त किसान की भुमी से 2000 फिट दूर फोरलाईन निर्माण कार्य चल रहा हैै। 

जिसके चलते फोरलाईन कर्मचारियो द्वारा भूमि से जबरन पीली मिटटी खोदकर खेत किसान के खेत को अपूर्णित क्षति पहुंचाई जा रही थी और फोरलाईन र्निमाण में ली जा रही थी। 

जिसकी सूचना जब मुकेश शर्मा को लगी तो वह मौके पर पहुंच गए और फोरलाईन कर्मचारियो के सामने अपना विरोध दर्ज कराया जिसके बाद फोरलाईन निर्माण कर रहे कर्मचारियो ने मुकेश शर्मा को आश्वासन दिया की वह इस मिटटी के बदले उन्हे 350 रूपए प्रति डंपर दिया जाएगा। साथ ही खेत को समतल करके दिया जाएगा और चारो तरफ से पार उठाई जाएगी।

लेकिन खुदाई पूरी करने और मिटटी ले जाने के बाद ही कंपनी कर्मचारियो के तैवर बदल गए और अब कंपनी के कर्मचारी फोन तक रिसीव नही कर रहे। फोरलाईन कर्मचारियो ने किसान कि जमीन को खेती करने लायक भी नही छोड़ा। 

अब किसान की आस भी अपनी खुदी पड़ी जमीन को देखकर टूटने लगी ओर वह ईसाफ के लिए प्रशासनिक दर पर बड़ी उ मीद लिए न्याय के लिए पहुंचा। जिसके बाद शुरू हुआ ऑफिस-ऑफिस सीरीयल के हीरो मुसददीलाल का शो एक एक के बाद एक किसान द्वारा हर मंगलवार को होने वाली जनसुनबाई में लगातार 2 वर्षो में 103 आवेदन आज दिनांक तक दे चुका है। यह चौकाने वाली बात है। 

बात यही तक नही रूकी लगातार 2 वर्षो में 102 आवेदन देने के बाद भी किसान की कोई सुनने को तैयार नही इन दो वर्षो ने 103 आवेदनो में से कोलारस एसडीएम आरके पांडे की जनसुनबाई में दर्जनो आवेदन देने के साथ ही दर्जनो आवेदन जिला कलेक्टर को जनसुनबाई में दिए है। 

जिसपर हर वार कलैक्टर महोदय द्वारा 7 दिन में जबाब पैश करने के लिए एसडीएम आरके पांडे को टीप कर दिया जाता है। लेकिन आज तक न तो किसान को उसका हक मिला न ही उसकी सुनबाई्र हुई। 

बताया जा रहा है कि उक्त किसान ने एसडीएम कोलारस को पिछले 2 वर्ष में चार दर्जन से अधिक आवेदन निए है लेकिन एसडीएम ने इन आवेदनो को रद्दी  में फैक दिया। आज तक किसान की जमीन के मौके मुआने के लिए कोई भी पटवारी तक को नही भेजा। 

इस पूरे मामले में एक बात यह स्पष्ट रूप से साामने आ रही है कि अधिकारियों द्वारा किस तरह जनसुनवाई कार्यक्रम की बैंड बजाई जा रही है, और फोरलेन निर्माण कंपनी से लाखो रूपए रिश्वत खाई जा रही है,इस कारण ही आज तक इस फोरलेन कंपनी के कर्ताधर्ताओ पर कार्यवाही नही की है।