परमिट या फिटनेस के अभाव में वाहन का बीमा निरस्त नहीं हो सकता

शिवपुरी। किसी बीमा कंपनी द्वारा वाहन के परमिट एवं फिटनेस के अभाव में बीमा क्लेम निरस्त नहीं किया जा सकता। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने न्याय दृष्टांत नेशनल इंश्योरेंश कंपनी बनाम नितिन खण्डेलवाल में कहा है कि शर्तो का भंग वाहन चोरी के प्रकरण में आवश्यक नहीं है। 

उक्त आधार पर उपभोक्ता फोरम शिवपुरी ने उपभोक्ता प्रमोद कुशवाह निवासी गुरूद्वारा रोड़ शिवपुरी को एक माह के भीतर उनका संपूर्ण बीमा धन अदा किए जाने का आदेश बीमा कंपनी ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी को दिया है। फोरम के अध्यक्ष एके भाटिया और सदस्य राजीव कृष्ण शर्मा ने अपने निर्णय में कहा है कि बीमा धन पर क्लेम निरस्त दिनांक से अदायगी दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी आवेदक प्रमोद कुशवाह को दिया जाए। साथ में उन्हें प्रकरण व्यय क्षति पूर्ति के रूप में पांच हजार रूपए भी मिलेगा। आवेदक की ओर से पैरवी अभिभाषक संजीव बिलगैंया ने की। 

जानकारी के अनुसार प्रमोद कुशवाह ने अपने अभिभाषक के माध्यम से फोरम में इस आशय की शिकायत प्रस्तुत की  कि उसके स्वामित्व का वाहन बुलेरो जीप एमपी 33/टी 0626 का बीमा अनावेदक बीमा कंपनी ओरियन्टल इंश्योरेंश के यहां 5.10.2012 से 4.12.2012 की अवधि के लिए बीमित किया गया था। 

आवेदिका ने उक्त वाहन को टेक्सी परमिट प्राप्त करते हुए जिला पंचायत में किराये पर लगाया था। जिसका अनुबंध माह अगस्त तक का था। अनुबंध समाप्त होने के बाद वाहन उसके घर के बाहर लॉक करके रखा हुआ था और 8-9 जनवरी 2013 की मध्यरात्रि को वाहन चोरी चला गया। परन्तु बीमा कंपनी ने वाहन के परमिट एवं फिटनेश के अभाव में बीमा क्लेम निरस्त कर दिया था। 

उपभोक्ता फोरम ने अपने निर्णय में लिखा है कि बीमा कंपनी इस आधार पर दावे के भुगतान से मना नहीं कर सकती कि आवेदक द्वारा पॉलिसी की किसी तथा कथित शर्तो का उल्लंघन किया गया था। परन्तु ऐसा कर बीमा कंपनी ने सेवा में कमी की है।