अशोकनगर में वीरेन्द्र रघुवंशी का विरोध

भोपाल। अशोकनगर में इन दिनों भाजपा के भीतर चल रही कलह चरम पर आ गई है। यहां भी शिवपुरी की तरह सारी राजनीति सिंधिया के इर्द गिर्द घूम रही है। भाजपा हो या कांग्रेस, सिर्फ दो गुट ही दिखाई देते हैं। पहला सिंधिया समर्थक और दूसरा सिंधिया विरोधी। फिर चाहे वो सिंधिया कांग्रेस के ज्योतिरादित्य हों या भाजपा की यशोधरा राजे। वीरेन्द्र रघुवंशी का अशोकनगर में संगठन प्रभारी बनाया जाना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपाईयों को आपत्ति है कि एक दलबदलू संगठन का प्रभारी कैसे हो सकता है। 

कुछ समय पहले तक अशोनगर में नीरज मानोरिया जिलाध्यक्ष हुआ करते थे। मानोरिया को यशोधरा राजे समर्थक माना जाता है। हाल ही में इन्हे हटा दिया गया है। इससे पहले जयभान सिंह पवैया को यहां का प्रभारी मंत्री बनाया गया। पवैया की पूरी राजनीति ही सिंधिया विरोध पर टिकी है। 

अब दो साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आये वीरेंद्र रघुवंशी को जिले के संगठन का प्रभारी बना दिया गया। भाजपाईयों का कहना है कि यह संगठन का सबसे ज्यादा वैचारिक दरिद्रपन है। वीरेंद्र रघुवंशी अभी शायद भाजपा को ठीक से समझ ही नहीं पाए होंगे। जिले में पहचान सामाजिक स्तर पर ही है, भाजपा कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि कौन वीरेंद्र रघुवंशी? इनकी योग्यता क्या है। क्या सिंधिया विरोधी होने के कारण इनके हाथ में संगठन की चाबी सौंप दी गई। हालांकि सिंधिया विरोधी भाजपाई वीरेन्द्र रघुवंशी का जोरदार स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं।