सीवर प्रोजेक्ट 2016: हत्यारी रहीं सडक़े, चैंबर बने मौत की समाधि

शिवपुरी। वर्ष 2016 गुजरने के चंद घटें ही बचे है। यह साल शहर सडकों का दर्द देता रहा। सीवर प्रोजेक्ट के कारण मौत के मुंह में गई सडके हत्यारी हो गई थी और सीवर के चैंबर मौत के कुएं बन गए थे। सन 2007 में स्वीकृत हुआ सीवर प्रोजेक्ट शहर के लिए शनि का रूप रहा। सीवर के लिए लाईन बिछाने के लिए शहर की सडके खोदी गई। लेकिन तत्काल बनाई नही गई। जिससे शहर वासियों के फैफडे धूल के गोदाम हो गए। 

सडको को खोदे जाने के कारण सडके हत्यारी भी रही। इसी साल के जून में खुदी गई सडक में बने गढडे में ऑटो का टायर जाने के कारण पलट गया था। इस ऑटो में 4 दिन की नवजात को अस्पताल से घर ले जाया रहा था उसकी मौत हो गई थी। 

28 मई को शहर के मीट मार्केट में डाली गई सीवर लाईन में बनाए गए चैबरो को चैक करने के लिए कंपनी का एक मजदूर हल्के पुत्र इतवारी लाल बाल्मीक उम्र 25 साल  उसमे नीचे उतारा,नीचे उतरते ही उसे गैस होने का महसूस हुआ और उसने ऊपर चढने की कोशिश की लेकिन वह आधा ही आ पाया और धडाम से नीचे गिर गया। 

अपने साथी मजदूर को नीचे गिरा देख कल्ला जाटव पुत्र टेक सिंह जाटव दोनों  निवासी थाना हजीरा ग्वालियर भी इस चैबर में उतर गया। और नीचे गिरे मजदूर को उठाते हुए पुन: वापस ऊपर चढने की कोशिश करने लगे। लेकिन गैस अत्याधिक जहरीली होने के कारण दोनो मजदूरो फि र चैबर में गिर गए और दम घुटने से  मजदूरो की मौत हो गई थी। 

इसके अतिरिक्त कई वाहन चालक सीवर से खुदी सडको में गिरने की खबर साल भर आती रही। कुल मिलाकर गुजरा साल में शहर की सडके हत्यारी रही और चैंबर मौत के कुए बन गए थे।