विधायक और कलेक्टर के गोद लिए गांवो के स्कूलों की खुली पोल

शिवपुरी। विधायक और कलेक्टर द्वारा गोद लिए गांव के स्कूलो के लॉ स्टूडेंटो के निरिक्षण में पोल खुल गई है। इन स्कूल पर गोदनामा केवल तमगा साबित हुआ है। इन स्कूलो में न पीने के लिए पानी है और न ही शौचालय है और शिक्षको की भी इन स्कूलो में कमी देखी गई है। छात्रो ने इन स्कूलो का निरिक्षण कर इन स्कूलो की समस्या एडीएम शिवपुरी को सौपी है। 

विधायक और कलेक्टर के गोद लिए गांव में न पीने के पानी की सुविधा और न ही शौचालयएहालात यह है कि बच्चों को पढाने के लिए शिक्षकों की भी कमी है और एक ही कक्ष में कक्षाएं संचालित हो रही है।यह लिखित जानकारी लॉ कॉलेज के स्टूडेंट ने शहर के आसपास के 22 स्कूलों का दौरा कर एडीएम को सौंपी है। 

शनिवार को इन लॉ छात्रों ने एडीएम को रिपोर्ट सौंपकर मांग करते हुए कहा कि मैडम व्यवस्था को सुधारें इसके लिए तीन माह का समय आपके पास है और यदि फिर भी आप इस दिशा में कोई काम न कर सके तो कोर्ट इस मामले का संज्ञान लेगा। 

छात्रों ने रिपोर्ट एडीएम को दिखाते हुए कहा कि मैडम ग्राम वासियों ने हमें बताया कि गांव कठमई को शिवपुरी विधायक और कलेक्टर ने गोद लिया था बावजूद इसके इस गांव में प्रशासन का ध्यान पढाई की और नहीं है और न ही यहां के प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्थाओं में कोई सुधार हुआ है 

ऐसे में शौचालय यहां बन तो गया है पर यहां गंदगी भरी पडी है,पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी तरह उन्होंने शिवपुरी शहर के आसपास के गांवों में जाकर 22 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की पड़ताल की जहां यह समस्याएं सामने आई यदि इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती तो हम नहीं तीन माह बाद कोर्ट आपसे जवाब मांगेगी और इसके लिए जि मेदार आप स्वयं ही होगी। 

कानून की प?ाई कर रहे छात्र अभय जैन,अन्नया सिंघल,सौरभ और अपने साथियों के साथ दिए गए इस आवेदन में एडीएम को कानून के तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिवपुरी जिले की शिक्षा को बैकबर्ड घोषित किया था और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2013 में प्रदेश सरकार को चेतावनी देकर कहा था कि स्कूलों की शिक्षा के मानक जो निर्धारित है उनका पालन होना चाहिए।

इसके लिए 1 वर्ष में सभी विद्यालयों में सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही थी लेकिन तीन साल बाद भी इस दिशा में न तो सरकार ने कोई प्रयास किए और न ही प्रशासन ने ऐसे में बच्चों को जो पढने का अधिकार हमारे संविधान ने दे रखा है वह पूरा नहींं हो पा रहा है। छात्रो ने कहा कि अगर 3 माह में व्यवस्था न सुधरी तो हमे मजबूरी बस न्यायालय जाना पढेगा और न्यायालय ही एक्शन लेगा। 

इन गांवो के स्कूलो का किया स्टूडेंटो ने निरिक्षण
कठमई,सिंहनिवास,खोरघार,नौहरीकलां,रायश्री,बडौदी,कोटा,बछौरा,बरेठ,चकरतनपुर,चिटौरा,चिटौराकलां,हातौद गांव के प्रायमरी और मिडिल स्कूलों के हालातों को लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा पडताल में लिए गए।