सहकारी बैंकों में मचा हडक़ंप: बंद खातों मेंं करोड़ों के लेनदेन की होगी जांच

शिवपुरी। केंद्र और आरबीआई द्वारा नोटबंदी के बाद शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंकों की एक दर्जन से ज्यादा शाखों में हुए करोड़ों रुपए जमा होने की जांच कराई जाएगी। इसके लिए कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने एक जांच दल का गठन कर दिया है। जो पूरे मामले की जांच करेगा। 

कलेक्टर ने जांच का काम जिला सहकारी संस्थाओं के अंकेक्षण अधिकारी एनएस वरेलिया को सौंपा है और इनके नेतृत्व में एक जांच दल बनाया है। यह जांच दल इन सहकारी बैंकों और नागरिक सहकारी बैंकों में जमा हुए 15 करोड़ से ज्यादा के पुराने नोटों के मामले की जांच करेगा। कलेक्टर ने यह जांच दल भाजपा नेता और पूर्व वरिष्ठ पार्षद यशवंत जैन की शिकायत के बाद गठित किया है। 

नेता ने कलेक्टर को शिकायत कर बताया था कि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंक में पुराने नोट ऐसे बोगस खातों में जमा किए गए हैं जिनकी केवाईसी संधारित नहीं, साथ ही इन बैंकों की शाखाएं क प्यूटरीकृत न होने से पांच से छह दिन जो नोट बदली 4 हजार से लेकर साढ़े चार हजार रुपए की हुई उसमें फर्जी आईडी लगाकर बाला-बाला पुराने नोट बदले गए। कलेक्टर ने इस शिकायत के बाद जांच दल का गठन किया है। 

15 से 20 करोड़ की पुरानी करंसी को किया है नया
शिवपुरी जिले के सहकारी बैंकों में पिछले कुछ दिनों में 15 से 20 करोड़ रुपए की पुराने नोटों की बदली हुई है। केंद्र सरकार के संज्ञान में मामला आने के बाद जिला सहकारी बैंकों में तो तत्काल पिछले मंगलवार को नोट बदलने पर रोक लगा दी गई लेकिन नागरिक सहकारी बैंक में सीईओ और अन्य प्रबंधन ने यह आदेश शहरी क्षेत्रों के बैंकों में लागू न होने की बात कहकर जमकर लेनदेन किया है। जबकि बताया जा रहा है कि महाराष्ट और उप्र के शहरी सहकारी बैंकों में यह रोक आज भी लागू है। 

जांच के बाद बैंकों में मचा हडक़ंप 
नोटबंदी के बाद हुए इस घपले की जांच के लिए कलेक्टर द्वारा जांच दल बनाए जाने से जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंक के अफसरों में हडक़ंप का माहौल है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते कई पुराने नोट कुछ सहकारी नेताओं के बाला-बाला बदले गए। अब किन खातों में यह लेनदेन हुआ और किस-किस की आईडी लगाकर चार से साढ़े चार हजार रुपए नगदी निकाली गई यह जांच का काम दल करेगा। 

इनका कहना है-
जिला सहकारी बैंकों और नागरिक बैंक में करोड़ों के जो पुराने नोट जमा हुए हैं इसके लिए कलेक्टर ने जांच दल बनाया है। लेकिन इस जांच दल की बजाए दूसरा दल वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में बनाया जाए। जिससे सही जांच हो सके। मैंने कलेक्टर को पुन: एक पत्र दिया है जिसमें आरबीआई, जिला आयकर अधिकारी और सहकारी संस्थाओं के नेतृत्व में बड़ा दल इसकी जांच के लिए बनाने की मांग की है। 
यशवंत जैन
भाजपा नेता व पूर्व वरिष्ठ पार्षद शिवपुरी