फिर टूटी नवनिर्मित वीआईपी सर्किट हॉउस रोड

शिवपुरी। पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई एक करोड़ की सर्किट हॉऊस रोड़ फिर धसक गई है। जैसा कि विदित है कि यह सडक़ तेज बारिश के चलते सडक़ की मिट्टी धसकने के कारण पूर्व में भी कई बार धसक चुकी है। अब इस सडक़ का लगभग 50 फुट का एक टुकडा फिर से धसक गया। इस सडक़ के धसकने के अब यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। इस कारण आमजनो को काफी परेशानी का समाना करना पड रहा है। 

इस मामले में 2 अधिकारी पूर्व में ही सस्पैड हो चुके है। इस सडक के धसकने की जांच एसडीएम रूपेश उपाध्याय को सौपी थी। एसडीएम ने पाया था कि काम घटिया स्तर का हुआ है। जैसे ही यह जांच रिर्पोट एसडीएम ने कलेक्टर को सौपी तो पीडब्लूडी विभाग के अफसरो का कहना है कि हमे पीएचई ने जमीन पोली दी थी। हमने तो सडक निर्माण के मटेरियल की गुणवत्ता और टेक्निकल मापदंडों का पूरा याल रखा है। तो उधर पीएचई के अधिकारियों का कहना है कि अगर सडक़ पोली थी तो पीडब्लूडी ने हैंडऑवर क्यो कि............

इस मामले में शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने पूर्व में भी प्रकाशित किया था कि इस  सर्किट हाऊस सडक को सीवर लाईन को डालने के लिए करीब 40 फुट से ज्यादा खोदा गया था और इसमे से निकला सारा पत्थर बेच दिया गया। इसमे केवल मिट्टी भर दी गई इस कारण यह सडक टूटी। ना की धसकी, धसकी तो नीचे की मिट्टी थी इस कारण यह सीसी ट्रक निकलने के कारण टूट गई और टूटी भी वही पर जहां ज्यादा मिटटी धसक गई होगी।

अब लगातार बारिश होने के कारण सडक में लगातार पानी बैठ रहा है। इस कारण लगातार नीचे की मिट्टी धसक रही है। इस कारण यह सडक फिर टूट गई। हालाकि इस मामले में जांच की नाम पर सिर्फ नोटंकी ही रही थी पूरे शहर को पता है कि सीवर डालने के लिए खोदी गई सडक़ों से करोड़ो रूपए का पत्थर और मुरम बेच दी गई। पत्थर और मुरम बेईमानी से बिका है तो ईमानदारी से सभी टेबिलो परए पर ट्रेक्टर से हिसाब से पेमेंट पहुंचा है। 

कुल मिलाकर यह सडक अब पूरी तरह से टूट चुकी है। शासन का 1 करोड रूपए बेकार हो गया है। आप यह मत समझना की इसका इस सडक का ठेकेदार का पेमेंट नही होगा। हां बात अभी सत्य है कि ठेकेदार को अभी पेमेंट नही हुआ है। लेकिन इस मामले में बताया जा रहा है कि ठेकेदार की लैब टेस्टिंग रिर्पोट पोजिटव आई है। 

जब लैब टेस्टिंग रिर्पोट पोजिटव आई तो ठेकेदार न्यायालय जाने का मन बना रहा है। पेमेंट तो देर सबेरे ठेकेदार हो जाऐगा। परन्तु जिन अधिकारियो की मिली भगत से यह भारत का पहला खुदाई घोटाला हुआ है उन चोरो पर अभी कोई जांच के आदेश नही हुए है।