जनसुनवाई: पटवारी ने शराब पिलाकर जमींन अपने नाम करा ली

शिवपुरी। जिले के कोलारस निवासी महिला कमलेश बाई पत्नि मंगल सिंह कुशवाह ने कल जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि उसके पति मंगल सिंह कुशवाह को शराब पिलाकर वेशकीमती जमीन पटवारी भूपेन्द्र सिंह के पिता विष्णु प्रसाद सिंह और संदीप सरदार ने अपने नाम करा ली है। 

जमीन का प्रतिफल भी नहीं दिया गया और रजिस्ट्री कराने के बाद से उसका पति गायब है। महिला कमलेश बाई ने अपने पति की अनहोनी की आशंका व्यक्त की है। जमीन को लेकर खूनी झगड़े भी शुरू हो गए हैं। कोलारस भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सर्वेश शर्मा  और उनके साथ संतोष एवं पवन खूनी संघर्ष में घायल हो गए हैं। इस मामले में भूमि क्रेता संदीप सरदार पर मामला भी दर्ज किया गया है। 

विक्रेता मंगल सिंह कुशवाह के भाई उधम सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पैतृक जमीन ग्राम कु हरौआ में स्थित है। सर्वे न बर 1291/1/1 की उक्त जमीन में से 0.17 हेक्टर फोरलेन निर्माण में चली गई है तथा शेष 0.700 हेक्टर जमीन उनके भाई के नाम शेष है। 

उक्त जमीन की 7 मई से लेकर 9 जून तक तीन रजिस्ट्रियां हो चुकी है। जिनमें से किसी में भी उसके भाई को प्रतिफल नहीं दिया गया है। पहली रजिस्ट्री 7 मई 2016 को संपन्न हुई जिसमें विक्रेता की हैसियत से उसके भाई ने प्रमोद चतुर्वेदी पुत्र बलराम चतुर्वेदी और वीरेन्द्र कुमार शर्मा पुत्र कोमल प्रसाद शर्मा निवासी कोलारस को 0.330 हेक्टर जमीन की रजिस्ट्री कराई। जमीन का बाजार मूल्य 13 लाख 39 हजार रूपए रजिस्ट्री में वर्णित है। 

इसके बाद रकवे में 0.220 हेक्टर जमीन ही शेष बची, लेकिन पटवारी भूपेन्द्र सिंह ने उक्त जमीन को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने पिता विष्णु प्रकाश सिंह रघुवंशी और संदीप सरदार के नाम 3 जून को रजिस्ट्री करा दी और मंगल सिंह को प्रतिफल में एक रूपया भी नहीं दिया। जबकि रजिस्ट्री में बाजार मूल्य 12 लाख 50 हजार 200 रूपए अंकित किया गया है। 

सवाल यह है कि जब रकबे में इतनी जमीन है ही नहीं तो फिर उसका पंजीयन क्यों कराया गया। इस पूरे मामले में उप पंजीयक और पटवारी की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं। बात यहीं नहीं रूकी 9 जून को उक्त जमीन के 0.22 हेक्टर जमीन का पंजीकरण हुआ और उक्त जमीन भी विष्णु प्रकाश सिंह रघुवंशी एवं संदीप सिंह ने क्रेता की हैसियत से खरीदी उक्त जमीन का बाजार मूल्य रजिस्ट्री में 3 लाख 4 हजार 300 रूपए अंकित किया गया है।

पैतृक जमीन होने के कारण विक्रय का नहीं था अधिकार
विक्रेता मंगल सिंह की पत्नि विमलेश बाई ने कलेक्टर को जनसुनवाई में दिए गए आवेदन में एक आरोप तो यह लगाया कि उसके पति को शराब पिलाकर बिना मूल्य देकर रजिस्ट्री करा ली गई वहीं उसका यह भी कहना है कि उक्त जमीन पैतृक जमीन थी और उसके पति को उक्त जमीन को बेचने का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। 

सहाब मेरे पुत्र की जान को खतरा: मानो बाई
मंगल सिंह की माँ मानो बाई ने पुलिस अधीक्षक को दिए ज्ञापन में अपने पुत्र की जान के खतरे की आशंका व्यक्त की है। उसने ज्ञापन में कहा है कि उसके पुत्र मंगल सिंह से संजीव पुत्र हरवंश पंजाबी, विष्णु प्रसाद रघुवंशी, बलराम शर्मा तथा प्रमोद चतुर्वेदी ने जमीन की रजिस्ट्री करा ली है तथा उसके पुत्र को बंधक बनाकर कहीं रखा है। जिसका आज तक पता नहीं है।