जिले के 16 स्थल चयनित, प्राचीन, एतिहासिक एवं पर्यटन महत्व के स्थलों को सवारा जाएगा

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में स्थित पर्यटन स्थलों के भ्रमण हेतु अधिक से अधिक पर्यटक आए, इसके लिए जिले में स्थित प्राचीन, एतेहासिक एवं पर्यटन महत्व के स्थलों को और विकसित कर पर्यटकों को ठहरने आवागमन एवं खानपान की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। 

जिससे पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। उक्त आशय की जानकारी कलेक्टर श्री राजीव दुबे ने जिला पर्यटन विकास समिति के क्रियान्वयन के संबंध में आज आयोजित बैठक में दी। 

जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष श्री मुन्नालाल कुशवाह, विधायक पोहरी श्री प्रहलाद भारती, पुलिस अधीक्षक श्री यूसुफ कर्रेशी, जिला पंचायत के मु य कार्यपालन अधिकारी श्री डी.के.मौर्य, जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, म.प्र.राज्य पर्यटन विकास निगम, नगरीय निकाय, वन आदि संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। 

कलेक्टर राजीव दुबे ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यटन वर्ष के रूप में ग्रामीण पर्यटन हेरिटेज एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों पर ठहरने, आवागमन और खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। जिससे जिले में स्थित प्राचीन, एतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों पर अधिक से अधिक पर्यटक आकर उनका भ्रमण कर सके। 

जिले में ऐसे 16 स्थलों को चिन्हित किया गया है। जिसमें मु य रूप से नरवर का किला एवं उसे लगे हुए प्राचीन स्मारक, खनियांधाना तहसील के महूआ के छोटा एवं बड़ा शिव मंदिर, टेहरी के मठ, टोरन गेट, कोलारस तहसील की रन्नौद के मठ, सेसई का सूर्य मंदिर, शिवपुरी तहसील के सुभाषपुरा के शिवमंदिर, शिवपुरी में टाउनहॉल, गांधी भवन, तात्याटोपे स्मारक पार्क, कोठी नंबर-17, सुरवाया की मठ एवं शिव मंदिर, सुरवाया का खुला युजियम, सुरवाया गढ़ी और माधव नेशनल पार्क को शामिल किया है। 

कलेक्टर श्री दुबे ने कहा कि शिवपुरी की पहचान एक प्राचीन एतिहासिक एवं पर्यटक नगरी के रूप में रही है और आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राज्यमार्ग और इलाहबाद-अहमदाबाद राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर होने के कारण ग्वालियर-झांसी, दतिया आदि स्थलों से पर्यटक प्राचीन स्थलों पर पहुंचकर उनका भ्रमण कर सकेगे।

 इसके लिए पर्यटक स्थलों तक पहुुंचने हेतु हमें सड़को की मर मत, पर्यटक स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं एवं खानपान की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि जिले में अटल सागर (मड़ीखेड़ा डेम) होने के कारण बीच में कई टापू स्थित है, इन टापूओं को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर देश के ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी पर्यटन के लिए आकर्षित किया जा सकता है।

 बैठक में चर्चा की गई कि जिले में स्थित पर्यटक स्थलों की पूर्ण जानकारी सहित राष्ट्रीय राज्यमार्गों पर साइनेज बोर्ड लगाए जाए। जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक इन स्थलों का भ्रमण कर सके। 

बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री यूसुफ कुर्रेशी ने कहा कि सहरिया जनजाति के संस्कृति, तीज, त्योहार, नृत्य, बाद्ययंत्रों एवं ग्रामीण परीवेश पर केन्द्रित एक संग्रहालय भी स्थापित किया जाए। जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक सहरिया जनजाति की संस्कृति एवं इनकी लोक कलाओं की भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।