मुनिसंघ के सान्निध्य में बह रही है धर्म की गंगा, मुनि श्री ने किये केशलोच

शिवपुरी। आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आर्शीर्वाद से कोलारस को उनके परमप्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 अभयसागर जी महाराज, मुनि श्री 108 प्रभात सागर जी महाराज, मुनि श्री 108 पूज्य सागर जी महाराज का परम धर्ममयी सान्निध्य प्राप्त हो रहा है

इस दौरान दैनिक रूप से मुनि श्री के मुखारविन्द से अमृतमयीवाणी सुनने का समाज को सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। आज प्रात: 8:30 बजे से 10:30 बजे तक मुनि श्री 108 अभयसागर जी महाराज ने केश लोच किये जिस दिव्य स्वरूप के दर्षन करने का सौभाग्य स पूर्ण समाज के लोगों को प्राप्त हुआ। 

मुनि श्री ने अपने केशलोच श्रीचन्द्रप्रभ् दिग बर जैन पंचायती मंदिर पर ही किये। देखते ही देखते मुनिश्री 108 अभय सागर जी महाराज ने दो घण्टे में अपने दाड़ी, मूछ व सिर के बालों को अपने हस्थकमलों द्वारा घांस-फूंस की भांती उखाड़ फेंके। 

यह दृष्य देखकर वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखों में आँसू उमड़ पड़े। मुनि श्री के बालों को भक्तजनों ने अपने पास रख लिया और उन्हें नदी में प्रवाहित करने ले गए। 

जैन संत जिस दिन अपने केशलोच करते हैं उस दिन के एक दिन पहले से लेकर 48 घण्टों का उपवास करते हैं उपवास में किसी प्रकार का कोई भी अन्न-जल ग्रहण नहीं करते हैं। मुनिश्री ने केशलोचन करने के उपरान्त वहां उपस्थित सभी लोगों को अपना मंगल आर्शीवाद प्रदान किया।