फर्जी नामांतरण करने वाले पटवारी को 3 साल का कारावास

पोहरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एमडी रजक के न्यायालय में मंगलवार को हुए महत्वपूर्ण फैसले में फर्जी नामांतरण करने वाले पटवारी तेजनारायण माथुर को तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अभियोजन विशाल कांवरा ने की। 

अभियोजन अनुसार मुन्नी एवं रानी निवासी ग्राम भटनावर ने न्यायालय पोहरी में एक परिवाद वर्ष 2006 में पेश किया कि उनकी मां कस्तूरीबाई के नाम गांव पूठवर्वे में जमीन है। उनकी मां की मृत्यु के पश्चात उक्त जमीन उन्हीं को नामांतरित हुई थी। 

सर्वे नंबर 172 रकवा 0.37 हेक्टेयर वाली जमीन उनके फर्जी हस्ताक्षर करके नामांतरण पंजी क्रमांक 17 पर उक्त जमीन उनके पिता को नामांतरित हो गई। इसके बाद यह जमीन उर्मिला पत्नी मुन्नालाल शर्मा के नाम रजिस्ट्री हो गई। 

उनके द्वारा जब सत्य प्रतिलिपि ली गई, तब उन्हें इस बात का पता चला कि संध्याए मुन्नी, रानी के नामातंरण पंजी 17 पर फर्जी हस्ताक्षर करके पटवारी तेजनारायण माथुर द्वारा यह जमींन कल्याण चन्द त्रिवेदी भटनावर को नामांतरित कर दी।

 न्यायालय द्वारा परिवाद पत्र के आधार पर थाना पोहरी में एफ आईआर करने का आदेश दिए। जिसमें पुलिस ने पटवारी के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया था।

 जिसकी सुनाई मंगलवार को न्यायाधीश एमडी रजक द्वारा मामले में आए सभी तर्कों व साक्ष्य के आधार पर आरोपी तेजनारायण को दोषी पाते हुए उक्त दंड से दंडित किया गया।