सरपंच पति की गुंडागर्दी: साजौर के शिक्षको ने स्कूल जाना छोडा

शिवपुरी। जिले के करैरा क्षेत्र के सिरसौद के निकट ग्राम साजौर के शास.मा.विद्यालय में इन दिनों ग्राम के ही एक सरपंच पति की गुण्डयाई की गुण्डागर्दी से शिक्षक त्रस्त हो गए और उन्होंने निर्णय लेकर यह कदम उठाया कि अब स्कूल ही छोड़ दिया जाए और बीते तीन महीनों से यह शिक्षक स्कूल जाने की जहमत तक नहीं उठा पा रहे। 

इस मामले में शिक्षा विभाग के मुखिया, कलेक्टर, एसपी, करैरा एसडीओपी, अमोला थाना प्रभारी आदि यह सभी वरिष्ठजन भी इन शिक्षकों की फरियाद सुनकर भी अंजान बने हुए है। ऐसे में कैसे ग्राम-ग्राम शिक्षा का अलख जगेगा यह सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है। 

ग्राम साजौर में पदस्थ शिक्षक जितेन्द्र सिंह जाट के साथ ग्राम पंचायत साजौर के सरपंच पति बल्लू बोहरे उर्फ योगेन्द्र शर्मा द्वारा बीती 19 अगस्त 2015 को ना केवल शिक्षक के साथ गालियां दी गई, अभद्रता की गई बल्कि इसके अलावा स्कूली बच्चों के समक्ष शिक्षक के साथ मारपीट भी हुई। 

इसके बाद शिक्षकों ने मिलकर 22 अगस्त को शिकायत भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह दबंग सरपंच पति चूंकि किसी ग्राम पंचायत में सचिव भी है बाबजूद इसके आए दिन वह अपने ग्राम के इस स्कूली स्टाफ को ना-ना प्रकार से धमकाता-डराता रहता है। 

यहां के ग्रामीणजन भी सरपंच पति के कारण आवाज नहीं उठा पा रहे जबकि एक समय था जब तत्कालीन करैरा एसडीओपी अमित सिंह ने इस ग्राम के इस सरपंच पति को ऐसा सबक सिखाया था कि यह कभी स्कूली मामले में हस्तक्षेप करने से भी कतराता था। लेकिन अब हालात बदल गए है और यह सरपंच पति बल्लू बोहरे फिर से स्कूली स्टाफ के साथ आए दिन मारपीट व अ ाद्रता करता है। 

इस संबंध में इस विद्यालय के शिक्षकों ने मिलकर कलेक्टर, एसपी, एसडीओपी करैरा, थाना प्रभारी आमोला, जिला शिक्षा अधिकारी, संकुल, बीईओ सहित ऐसा कोई भी संबंधित विभाग नहीं बचा जहां न्याय की गुहार लगाकर अपनी सुरक्षा और विद्यालय में बच्चों के भविष्य को संवारने की मांग की हो। 

बाबजूद इसके ग्राम साजौर के यह शिक्षकगण आज भी भयभीत है और विद्यालय जाने से तकरा रहे है जिसके चलते इन्होंने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है। जबकि डीईओ ओर बीईओ स्कूल का निरीक्षण कर इन शिक्षकों पर ही दोषारोपण कर अपने कर्तव्य की धौंस जमा रहे है लेकिन इनके प्रति सुरक्षा अथवा इस विद्यालय के बच्चों के भविष्य से जैसे उन्हें कोई सरोकार ही नहीं। ऐसे में यहां हालात कब बदलेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता।