भव्य जुलूस के साथ हुआ नवकार दरबार का समापन

शिवपुरी। नवकार जपेश्वरी शुभंकरा श्रीजी मण्सा द्वारा 68 दिनों के नवकार जाप के बाद कल विधिवत रूप से नवकार दरबार का समापन किया गया था जिसका भव्य जुलूस आज शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ परिणय वाटिका पहुंचा।

जुलूस में बैंडबाजेए ढोल, शहनाई आदि के साथ जैन बंधुओं ने जमकर नृत्य किया और भगवान महावीर एवं पाश्र्वनाथ भगवान के जयकारे लगाए। इस कार्यक्रम में भारतभर से मण्सा, के भक्तों ने भाग लिया।

प्रातरू 8 बजे निकाले गए इस जुलूस की कमान युवा मण्डल के सदस्यों ने संभाली। जुलूस के प्रारंभ में  बाजे एवं उसके बाद साध्वी शुभंकरा श्रीजी, साध्वी धर्मोदया श्रीजी एवं साध्वी सिद्धोदया श्रीजी आदि ठाणा चल रहे थे।

उसके पीछे कतारबद्ध सिर पर कलश रखकर महिलाएं चल रही थीं उसके पीछे पुरुष विमान को खींचकर ला रहे थे। अंत में 68 किलो के लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया। जुलूस शहर के प्रमुख मार्ग कोर्ट रोडए सदर बाजार रोड़, टेकरी, पुराने बस स्टेण्ड होता हुआ परिणय वाटिका पहुंचा, जहां विशाल धर्मसभा में परिवर्तित हुआ।

परिणय वाटिका में हुए पूजन का लाभ तेजमल सांखला एवं दीपक सांखला ने लिया। पूजा विधि को सिरोही निवासी मनोज कुमार हरण द्वारा संपन्न कराया गया।

श्रीमती निर्मला को मिला नमोकार मंत्र जाप का बम्पर ड्रॉ
68 दिनों तक चलने वाले नवकार मंत्र में लगातार 9.9 घंटे का जाप करने पर एक ब पर ड्रॉ का आयोजन किया गया था जिसमें भगवान पाश्र्वनाथ की स्फूटिक मूर्ति दी जानी थी।

श्रीमती निर्मला कोचेटा के नाम यह ब पर ड्रॉ निकला। इसी प्रकार अन्य ड्रॉ में प्रथम पुरस्कार रेखा लोड़ाए द्वितीय रीतेश गूगलियाए तृतीय पुरस्कार श्रीमती शशि गूगलिया को मिला। कार्यक्रम में 38 ड्रॉ प्रतिदिन जाप करने वालों के निकाले गये।

रात्रि में हुआ विजया सेठ-सेठानी के ब्रह्मचर्य व्रत पर आधारित नाटक
नवकार महामंत्र के समापन के अंतिम दिन रात्रि में विजया सेठ-सेठानी के ब्रह्मचर्य के व्रत पर आधारित नाटक संपन्न हुआ। इस नाटक में विजयासेठ एवं सेठानी द्वारा शादी की रात से ही अपने-अपने नियमों का पालन करने के साथ शादी के कई सालों तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन रखा और जब परिजनों को इस बात का पता चला तो शादी के रात ही तय की गई शर्त के अनुसार दीक्षा ग्रहण की।