बैराड़ का टीआई या फाइनेंस कंपनी का रिकवरी ऐजेंट

डेस्क/भोपाल/शिवपुरी/कोलारस/बैराड़। किसान के साथ हुई एक कथित धोखाधड़ी के मामले में इससे पहले कि किसान पुलिस से मदद मांगने जा पाता बैराड़ थाने के टीआई ने किसान का ट्रेक्टर ही कब्जे में ले डाला। बिना किसी अधिकृत आदेश के ट्रेक्टर पिछले 43 दिनों से थाने में खड़ा है, जबकि इसका मालिक जालसाजी का शिकार हो चुका है।

मामले की शुरूआत 2010 से हुई जब कोलारस थाना क्षेत्र के खैराना गांव में रहने वाले किसान रामस्वरूप रावत ने एक महिन्द्रा ट्रेक्टर शिवपुरी के मोती ट्रेक्टर से सन 2010 में खरीदा। खरीदते समय इस ट्रेक्टर की कीमत किसान को 4 लाख 80 हजार रूपए बताई थी।  किसान ने इस ट्रेक्टर के बदले ऐंजेसी मालिक को 2 लाख 20 हजार रूपए नगद जमा कर दिए और बाकी रकम को फांईनेंस कराने हेतु कहा।

ऐंजेसी के मालिक ने कहा कि यह ट्रेक्टर महिन्द्रा ट्रेक्टर एंड जनरल फाईनेंस कंपनी प्रा.लिमिटेड पर फाईनेंस हुआ है और इसकी बाकी किस्तों आपको हमारे शोरूम पर ही जमा करनी होंगी।

किसान ने शिवपुरी समाचार डाट कॉम के संवाददाता को बताया कि मैने विधिवत किस्ते महिन्द्रा टेक्ट्रर के शोरूम मोती ट्रेक्टर पर दिनांक 23-10-10 से जमा की और विधिवत रसीदें प्राप्त कीं और सन 2013 तक ऐंजेसी मालिक को टोटल रकम ब्याज सहित 4 लाख 95 हजार रू जमा कर दिए।

किसान ने बताया कि मैं जब भी रकम जमा कराने जाता तो किसान से अपने ट्रेक्टर के कागज मांगता तो मुझे हर बार टाल दिया जाता मुझे आज तक अपने ट्रेक्टर का नंबर पता नही है।

अभी कुछ माह पूर्व मुझे महिन्द्र ट्रेक्टर के शोरूम के मालिक ने मुझे बुलाया और कहा कि आप के ट्रेक्टर पर 2 लाख 59 हजार रूपए बाकी है और उसे जमा कराये, मैने कहा कि मैने पूरा पैसा जमा करा दिया है। और मुझे हिसाब बताए, और मेरे ट्रेक्टर के कागज भी दे।

किसान ने बताया कि पिछले 2 साल से सूखा पडा है और मेरा ट्रेक्टर बैराड क्षेत्र में काम कर रहा था। फायनैंस कंपनी के अधिकारियों ने बैराड पुलिस की मदद से मेरा ट्रेक्टर बिना किसी कारण बताए बैराड थाने में रख लिया है आज उसे 43 दिन से हो गए है।

मेरा एक मात्र रोजी रोटी का साधन मेरा ट्रेक्टर ही था जिसे पुलिस ने उठा लिया है। मैं कई बार ट्रेक्टर लेने बैराड थाने में गया लेकिन पुलिस मेरी कोई सुनवाई नही कर रही है। इस स्थिती मुझे आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है।

कुल मिलाकर एक किसान जालसाजी का शिकार हो गया है। दौहरी मार तो यह कि बैराड़ टीआई ने गैरकानूनी तरीके से 43 दिन से ट्रेक्टर अपने कब्जे में ले रखा है। टीआई बैराड़ धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि यह ट्रेक्टर एसबीआई से फाइनेंस हुआ है सुरक्षा की दृष्टि से थाने में खड़ा है।

जबकि विशेषज्ञों का दावा है कि इस ट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन और बीमा तक नहीं हुआ है। किसी कंपनी से फाइनेंस ही नहीं हुआ। किसान के साथ ठगी की गई है। शोरूम संचालक के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

हमारा सवाल सिर्फ इतना सा है कि बैराड़ टीआई क्यों किसी फाइनेंस कंपनी के रिकवरी ऐजेंट की भूमिका निभा रहे हैं। ट्रेक्टर कहां से फाइनेंस हुआ और उस पर कितना लोन है, इससे बैराड़ टीआई को क्या लेना देना। कहीं ऐसा तो नहीं कि शिवपुरी में चल रहे ट्रेक्टर लोन घोटाले में टीआई भी एक पार्टनर हों।