पत्नी से थे अवैध सबंध इसलिए हुई रंजीत की हत्या

शिवपुरी। करैरा थाना क्षेत्र के कामा या देवी मंदिर के पास रहने वाले 19 वर्षीय मृतक रंजीत पुत्र बादाम सिंह प्रजापति का अपहरण कर आरोपियों ने पहले तो रंजीत के जरिये उसके परिवार वालों से पांच लाख रूपये की फिरौती मांगी और इसके बाद उसकी हत्या कर उसकी लाश कुए में डाल दी। 

पुलिस ने इस अंधे कत्ल का खुलासा कर दिया है और उसकी हत्या के आरोप में महेन्द्र पुत्र कमलेश सेन, राकेश यादव पुत्र प्रेमनारायण यादव और शेर सिंह पुत्र घमण्डी जाटव को गिर तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार हत्या की दो वजह थीं। 

एक तो मृतक रंजीत को आरोपी महेन्द्र सेन से तीन हजार रूपये उधार वापिस लेने थे जिसकी वह मांग कर रहा था और उससे बचने के लिए रंजीत की हत्या की गई। दूसरा कारण यह था कि मृतक रंजीत की महेन्द्र सेन की पत्नी से नजदीकियां थीं और रंजीत की हत्या कर वह रास्ते के कांटे को साफ करना चाहता था।

एसपी मो. युसुफ कुर्रेशी ने पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि 21 अगस्त को रंजीत का अपहरण किया गया था और 23 अगस्त को फरियादी कल्लू प्रजापति ने अपने भतीजे रंजीत के अपहरण की रिपोर्ट थाना करैरा में दर्ज कराई थी। 

रंजीत की सिम से घरवालों से पांच लाख रूपये फिरौती मांगी गई थी और उसकी लाश 23-24 अगस्त की रात में मुंगावली की हार के एक कुए से बरामद की गई। इस पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। एसपी के अनुसार अपहृत की मोबाइल सीडीआर लोकेशन से मदद ली गई। 

विवेचना में महेन्द्र सेन, राकेश यादव, और शेर सिंह जाटव के नाम स्पष्ट हुए। बताया जाता है कि रंजीत अपने उधार दिए गए तीन हजार रूपये महेन्द्र से मांग रहा था, लेकिन महेन्द्र के पास पैसे नहीं थे। महेन्द्र अपनी पत्नी से रंजीत के संबंधों से भी परेशान था। 

इसी कारण योजना बनाकर 20 अगस्त को रंजीत को करैरा के किराए के एक मकान में पैसा देने का कहकर बुलाया गया और चारों फिर शेर सिंह की मोटरसाइकिल पर बैठकर मुंगावली रोड की झाडिय़ों के पास गए। यहां रंजीत पर कट्टा अड़ाकर उसकी आवाज में उसके घर पर फोन लगवाया गया और फिरौती में पांच लाख रूपये मांगे गए। इसके बाद आरोपियों ने नाड़े से गला दबाकर रंजीत की हत्या कर दी। 

आरोपियों को गिर तार कर उनके पास से रंजीत के जूते, टूटी सिम और नाड़ा जप्त किया गया है। आरोपी शेर सिंह से 315 बोर का कट्टा, दो जिंदा राउण्ड भी जप्त किए गए। मोटरसाइकिल और दो मोबाइल भी जप्त किए गए। 

संदिग्ध नहीं निकले आरोपी
इस मामले में मृतक के चाचा कल्लू ने अपहरण का मामला करैरा थाने में दर्ज कराया था और दो संदिग्ध आरोपियों भागीरथ प्रजापति एवं प्रेमनारायण प्रजापति के नाम लिखाए थे, लेकिन पुलिस जांच में दोनों संदिग्ध आरोपी बेकसूर निकले।