हाईकोर्ट का स्टे फिर भी धमकी देने पहुंच गए तहसीलदार

शिवपुरी। पिछले तीन दिनों से पोहरी में तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण के नाम पर त्यौहार से पूर्व लोगों को डराया धमकाया जा रहा हैं और उन्हें बेरोजगार करने की तैयारी की जा रही हैं। जबकि कई लोगों के पास उच्च न्यायालय द्वारा स्टे ऑर्डर होने के बाद भी पोहरी तहसीलदार द्वारा अपनी मनमर्जी करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पालन नहीं कर रहे हैं।

पोहरी में श्योपुर रोड़ पर बने नये बस स्टेण्ड के आसपास स्थित पक्के निर्माण एवं स्टालों में संचालित दुकानदारों को दो दिन पूर्व तहसीलदार द्वारा मय अमले सहित मौखिक चेतावनी दी गई कि जल्द से जल्द अपनी दुकानें खाली करके सामान को हटा लें। नहीं तो नुकसान की जिम्मेदारी आपकी स्वयं होगी।

दुकानदारों ने चर्चा की दौरान बताया कि दो दिन बाद ही रक्षा बंधन का त्यौहार नजदीक हैं एवं इस समय दुकानों को खाली करने से न केवल हमारा नुकसान होगा बल्कि बस स्टेण्ड पर आने वाले यात्रियों को भी खान पान एवं अन्य सामान के लिए परेशान होना पड़ेगा।

परन्तु इन सब का असर प्रशासन एवं तहसीलदार पर नहीं हो रहा हैं और वह दुकानों को तोडऩे पर अमादा हैं। यहां बताना जरूरी हैं कि माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 644/2005 विचाराधीन हैं, जिसमें 4 अप्रैल 2014 को यथावत स्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया था।

परन्तु तहसीलदार द्वारा उक्त आदेश की अवमानना करते हुए दिनांक 22 नव बर 2014 में नोटिस जारी किया गया। जिसका जवाब एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी तहसीलदार द्वारा अपनी मनमानी करते हुए उक्त स्टे ऑर्डर होते हुए भी दुकानदार को चेतावनी देते हुए दुकान तोडऩे की धमकी दी गई।

बस स्टेण्ड के आसपास अपनी रोजी रोटी चला रहे दुकानदारों का शासन से अनुरोध है कि उक्त कार्यवाही को कुछ दिनों के लिए स्थागित कर दिया जाए तथा बाद में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती हैं तो हम सभी अपना पूरा सहयोग शासन को देने के लिए तैयार हैं।