कहीं ये राजनीति राजे के खिलाफ माहौल पैदा करवाने तो नहीं हो रही

शिवपुरी। अभी एक माह पूर्व ही प्रदेश के सीएम ने शिवपुरी के मेडि़कल कॉलेज का काम तत्काल शुरू करने के आदेश दिए थे। यह सीएम ने यह आदेश शिवुपरी की विधायक राजे और उनके साथ मिलने गए 50 लोगो के सामने दिया था परन्तु कल दतिया और खंडवा के मेडिकल के कॉलेजो के लिए पैसा आवटिंत कर दिया गया और शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज को फिर लटका दिया गया।

शिवुपरी का मेडिकल कॉलेज पिछले लोकसभा में चुनावी मुद्दा बनाया गया और भारत के प्रधानमंत्री के साथ प्रदेश के सीएम स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले ने यह प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज यह कहकर खारिज कर दिया था कि एक कागज के एक टुकडे पर कॉलेज नही बनता है।

केंद्र सरकार के प्रमुख सचिव ने जब स्टेट के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर डीपीआर करने के लिए कहाए तब सरकार ने मेडिकल कॉलेज का अस्तित्व स्वीकार किया। और शिवपुरी मेें इस प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की जमीन को नोहरी क्षेत्र में आंबटित कर दिया गया।

दतिया में मेडिकल कॉलेज खुलेगा इसके अलावा खंडवा में भी मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा इन दोनों मेडिकल कॉलेजों की घोषणा शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद हुई थी, लेकिन शिवराज सिंह कैबिनेट ने मंगलवार को इन दोनों कॉलेजों को 100-100 सीटें आवंटित करते हुए यहां के जिला अस्पतालों को अपग्रेड करते हुए 500 बिस्तर का बनाने की मंजूरी दे दीए साथ ही दतिया को 158 करोड़ 50 लाख एवं खंडवा को 172 करोड़ रुपए आवंटित भी कर दिएए लेकिन शिवपुरी के नाम पर चर्चा तक नहीं हुई।

कुल मिलाकर प्रदेश सरकार द्ववारा शिवुपरी के विकास को सोच समझकर रणनीति के तहत रोका जा रहा है मात्र 30 दिन पूर्व किए गए वादे से सीएम पलट गए और इस केबीनेट की बैठक में शिवपुरी के बजट क्या दो लाईन तक नही बोल पाए।

सवाल यह भी खडा हो रहा है कि शिवपुरी के विकास के साथ-साथ कही ये भाजपा के प्रदेश के शीर्ष नेतृव्त की शिवपुरी की विधायक यशोधरा राजे के साथ राजनीति तो नही हो रही।

अभी पब्लिक पार्लियामेंट  से उनका पहला वादा भी पूर नही हुआ है अभी जलावर्धन की पर कौनसी ऐंजेसी काम करेंगी यह भी तय नही हो पाया तो जलावर्धन कैसे पूरी होगी यह बडा प्रश्र है।

कल पब्लिक पार्लियामेंट ने भी धमकी दी है कि अगर ऐसा ही चला तो अगामी 10 अगस्त से आंदोलन पुन: शुरू होगा। अगर आंदोलन शुरू तो यह सरकार के खिलाफ नही राजे के खिलाफ होगा क्योकि उनके कहने से ही सत्याग्रह खत्म हुआ था।

कही प्रदेश नेतृत्व राजे के खिलाफ ऐसा महौल तो पैदा नही करना चाह रहा है कि जनता सिंधिया नही सिंध चाहिए,रानी नही पानी चाहिए जैसे नारे शिवपुरी की फिजा में गूजंने लगे।

अब शिवपुरी के प्रस्तावित कॉलेज के बजट आवटंन नही किया है इससे भी जनता में राजे के खिलाफ महौल पैदा हो। शिवपुरी शहर की सड़को के लिए बजट नही है। शहर की सड़के दलदल में तब्दील हो गई। जनता को पीने के लिए पानी नही है। कुल मिलाकर कही न कही ऐसी परिस्थती पैदा कि जा रही है। कि खिलाफ माहौल पैदा हो।