पाप होते हैं नींद में, जाग्रत इंसान नहीं कर सकता कोई पाप: स्वामी बज्रानंद जी

शिवपुरी। दुनिया के सारे पाप नींद में होते हैं। अधिकांश लोग बेहोशी में ही जन्म लेते हैं और बेहोशी में ही दुनिया से कालकवलित हो जाते हैं। जबकि धर्म जागरण का नाम है, इंसान को जगाने का माध्यम धर्म है और जाग्रत इंसान चाहते हुए भी कभी कोई पाप नहीं कर सकता।

उक्त उद्गार बिनेगा आश्रम के प्रमुख स्वामी बज्रानंद जी ने आज आश्रम पर आयोजित एक विशाल धर्मसभा में व्यक्त किये। स्वामी जी ने धर्मसभा में कहा कि इंसान ऐसी संपत्ति अर्जित कर रहा है जो अंतत: उसके विनाश का कारण बनेगी।

जबकि शाश्वत संपदा की ओर उसका कोई ध्यान नहीं है। संपत्ति वह होती है जो इंसान की मृत्यु के बाद भी उसके साथ जाती है।

धर्मसभा में जैन संत ने तीर्थंकर महावीर और बुद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि वे चक्रवर्ती सम्राट थे। उनके पास अकूत संपदा थी, लेकिन उन्हें ज्ञान हो गया था कि विशाल संपदा भी उन्हें दुख से मुक्ति नहीं दिला सकते।

इसी कारण एक साल तक धर्म संपदा का दान करते हुए उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया। असल में महापुरूषों ने कंकड़ पत्थर की अपेक्षा दान देकर अमूल्य संपत्ति अर्जित की। अगर धन में ही सुख होता तो महापुरूषों को इसे छोडऩे की आवश्यकता क्यों महसूस होती।

संत बज्रानंद जी ने जैन धर्म के नवकार मंत्र का महत्व प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसमें अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और संसार के सभी साधुओं को जाति के बंधन से ऊपर उठकर नमस्कार किया जाता है और ऐसे नमस्कार पापों का नाश करने वाले होते हैं।

महाराज श्री ने कहा कि धर्म का जाति से कोई संबंध नहीं होता। जाग्रत इंसान धार्मिक है और धर्म जागरण की क्रिया है।

कल होगा बिनेगा आश्रम में विशाल भण्डारा
प्रसिद्ध संत और यथार्थ गीता के रचयिता स्वामी अडग़ड़ानंद जी महाराज के बिनेगा आश्रम में आगमन के अवसर पर 1 जून को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है तथा इस अवसर पर आश्रम में स्वामी अडग़ड़ानंद जी सहित अन्य संतों के प्रवचन सुबह 7 बजे से प्रारंभ होंगे।

बिनेगा आश्रम के प्रमुख संत बज्रानंद जी ने समस्त धर्माबल िबयों से सत्संग और भण्डारे का लाभ उठाने की अपील की है।