राजनीति और भ्रष्टाचार में उलझी नपा, नही साफ-सफाई ओर सुन्दरता की फ्रिक

शिवपुरी। नगर पालिका परिषद शिवपुरी शहर के सौन्दर्यीकरण अभियान को पलीता लगाता नजर आ रहा है। शहर का कोई भी ऐसा कोना नहीं जहां साफ-सफाई या माहौल स्वच्छ दिखे। ऐसे में नगर पालिका का स्वच्छता अभियान भी सवालों के घेेरे में है। जहां स्वच्छता के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है।

शहर के उजड़े पार्कों की जि मेदारी संभाले नपा अपनी जि मेदारियों को ही पूर्ण रूप से नहीं निभा पा रही तो समझा जा सकता है कि नगर में किस तरह का सौन्दर्यीकरण होगा। ऐसे में नगर के लोगों के लिए जहां सुविधाऐं देने का काम नपा का है वहां जनहित में असुविधाऐं ही परोसी जा रही है।

बताना होगा कि नगर में यूं तो 39 वार्ड है लेकिन इन सभी वार्डों में एक वार्ड ऐसा नजर नहीं आएगा। जिसे हम आदर्श वार्ड समझें।  हालांकि इसके लिए प्रयास तो बहुत किए लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। भले ही तत्कालीन समय की विधायक रहीं और अब पुन: प्रदेश में उद्योग मंत्री बनी यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा गोद लिया गया गांव लुधावली हो या अयोध्या बस्ती आज भी यह दोनों क्षेत्र बड़े लंबे अर्से से साफ-सफाई की बोट जोह रहे है।

ऐसा नहीं है कि यहां स्वच्छता अभियान नहीं चला बाबजूद इसके यहां आज भी गंदगी के ढेर लगे हुए है। अयोध्या बस्ती में जहां आदिवासियों के लिए पहले स्वास्थ्य शिविर लगाया तो वह भी कुछ दिन चला और फिर यही हालात उत्पन्न हो गए। ऐसे में शहर के सभी वार्डों में नागरिक  पार्षद की अपेक्षा नपा परिषद को ही कोसने में लगे हुए है।

बड़ा सवाल यह है कि नपा में जब जि मेदार अधिकारी हैं तो काम भी जि मेदारी से होना चाहिए। लेकिन यहां तो शहर का सौन्दर्यीकरण ही ध्वस्त नजर आ रहा है चहुंओर चर्चा हो रही है कि सौन्दर्यीकरण ध्वस्त और नगर पालिका की राजनीति और जनता का व्यर्थ हो रहा पैसा पर नगर पालिका है मस्त...। इस तरह चुटकुलों के रूप में लोग नपा की बुराईयां जगह-जगह करते आसानी से मिल जाऐंगें।

नहीं बनी नालियां और ना हुई नालियों की सफाई
वर्तमान समय में भले ही पेयजल की किल्लत हो लेकिन इसके बाद भी नगर में प्रतिदिन घरेलू उपयोग में लिया जाने वाला पानी आज ाी नगर की नालियों में बहता हुआ नजर आता है। वहीं कई जगह तो नालियां तक ही देखने को नहीं मिलती जिससे घर का घरेलू व गंदा पानी रोड़ पर बहता हुआ नजर आता है। नपा का इस ओर ध्यान नहीं है यही कारण है कि आज सड़कों पर ही गंदगी फैल रही है यदि समय रहते नालियां ना बनी और जो बनी है उनमें सफाई नहीं हुई तो शहर भीषण बीमारी के गर्त में चला जाएगा।

अंधेरे में डूबा है शहर
सांझ होते है शहर के अधिकांशत: वार्डों में स्ट्रीट लाईट की हालत भी बद से बदतर है। जहां यदि खंबे लगे है तो वहां ट्यूबलाईट या सोडियम लै प नहीं है। यदि कहीं सोडियम लै प लगा है तो वह बंद बेजान अवस्था में पड़ा है। ाले ही नगर पालिका में नगर में कितना भी रोशनी फैलाने की बात करे लेकिन धरातल पर इसके परिणाम शून्य ही नजर आते है।

आखिर कब चेतेगी नगर पालिका
यहां इतनी सारी समस्याओं से जूझ रहे नागरिकों की जुबान पर एक ही तकिया कलाम हैं कि आखिरकार कब चेतेगी नगर पालिका। क्योंकि नगर में व्याप्त समस्याओ के निराकरण का जि मा ही जब नपा पर है तो जनहित में सुविधाऐं प्रदान करने का अधिकार भी नगर पालिका रखती है। ऐसे में नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण हो इसके प्रयास होने चाहिए साथ ही प्रमुख समस्याऐं बिजली, सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाऐं जनहित में मिलना चाहिए।