प्रेम बिना परिवार नहीं, परिवार बिना संसार नहीं : साध्वी डॉ.विश्वेश्वरी देवी

शिवपुरी। आज के युवाओं के विचार बदल गए है उनके भाव बदल गए है जो माता-पिता अपने बच्चों के लिए पूरा जीवन उनके भरण-पोषण और लालन पालन में बिता देते थे वही बच्चे जब बड़े हो जाते है तो कहते वह अपने हिसाब से जीवन जीऐंगें, लेकिन उन युवाओं को कौन समझाए कि यह जीवन उन्हीं माता-पिता की देन है, इस संसार में घर-परिवार में यदि प्रेम नहीं तो परिवार वीरान है और परिवार बिन संसार वीरान, इसलिए अपने कर्माे को करते जाओ और प्रेम को बढ़ाओ ताकि प्रेम और ज्ञान का प्रकाश चहुंओर फैले। 

प्रेम की इस परिभाषा को बताया प्रसिद्ध श्रीरामकथा वाचक साध्वी डॉ.विश्वेश्वरी देवी ने जो स्थानीय गांधी पार्क में आयोजित श्रीरामकथा में अपने आर्शीवचन धर्मप्रेमीजनों को दे रही थी। इस दौरान कथा में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव और कथा में कथास्थल पर भगवान श्रीराम का जन्म बड़े उत्साह व उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान कथा के यजमान रामशरण अग्रवाल, कपिल सहगल, मुन्ना बाबू गोयल, कृष्णदेव गुप्ता, गोविंद सेंगर आदि ने भगवान राम जन्मोत्सव के अवसर पर खूब मावा-मिश्री का प्रसाद धर्मप्रेमीजनों में वितरित किया। इस दौरान साध्वी डॉ.विश्वेश्वरी देवी ने कहा कि भगवान ने आज जन्म लिया है इसलिए सच्चाई और अच्छाई का प्रादुर्भाव यहां हुआ है निश्चित रूप से अब भगवान का आर्शीवाद जन-जन तक पहुंचेगा इसलिए ध्यान रहें सदैव सदाचार, सत्य और अच्छाईयों को ग्रहण करें तभी भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चल सकेंगें। 

कथा में साध्वी ने भरत चरित्र से भी प्रेरणा लेने की बात कही जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार से भरत ने अपना सबकुछ श्रीराम को दे दिया और कोई गलती हुई तो स्वयं पर ग्रहण कर लिया, इसलिए आज के संसार में स्वार्थी ना बनें परोपकारी बनें, साथ ही दुनिया में यदि मनुष्य की कोई बढ़ाई करता है तो उसका कर्म है उस पर उसे अभिमान करने की आवश्यकता नहीं और यदि प्रशंसा मिलती भी है तो उसे प्रभु पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि इंसान अभिमानी हो जाता है इससे बचना चाहिए। कथा में राम जन्मोत्सव के बाद भगवान श्रीराम के विवाह की तैयारियां पूर्णता की ओर है सभी धर्मप्रेमीजनों से गांधी पार्क में भगवान श्रीरामकथा का पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह श्रीरामकथा समित शिवपुरी द्वारा किया गया है।