Shivpuri Public School के प्राचार्य पर रंजिशन हत्या का मुकदमा दर्ज

शिवपुरी। गत दिवस एसपीएस अकेडमी परिसर में कार और बाइक की संदिग्ध भिड़ंत में अकेडमी के प्रोफेसर संजय भार्गव की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने एसपीएस अकेडमी के प्राचार्य भास्कर को रंजिशन हत्या का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 304 का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कल शाम को हुए इस एक्सीटेंड का ममला संदिग्ध लग रहा था, आज सुबह मृतक के परिजनो ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को एक्सीटेंड ना समझा जाए बल्कि एक सोची समझी रणनीति के तहत से कार से मृतक संजय भार्गव की बाईक को उडाया गया है और उसे और उसकी मोटर साईकिल को दौ मीटर तक इंडिका कार से घसीटा गया है।

सूत्रो का कहना है कि ये कथित एक्सीटेंड शाम को 5 बजे ही हो गया था लेकिन मीडिया और पुलिस में खबर आई शाम 7 के बजे के बाद जब मृतक की बॉडी को अस्पताल लाया गया। इस मामले को पुलिस ने भी प्रथम दृष्टया संदिग्ध मानते हुए एसएसएल की टीम से इस मामले की जांच करवाई।

इस कथित एक्सीटेंड की जांच करने आई एसएसएल टीम के प्रभारी डॉ अखिलेश भार्गव ने घटना स्थल की बारिकी से जांच की और गाडिंयो के टूटे पार्टस को इकठठा करया। कोतवाली परिसर में गाडी इंडिका कार क्रंमाक एमपी 33 सी 2233 व मृतक की वाईक क्रमांक एमपी 33 एमजी 2081 का निरिक्षण किया। सूत्र बता रहे है कि इस जांच में डॉ. अखिलेश शर्मा को कई ऐसे तथ्य मिले है जिससे यह लगता है कि यह मामला संदिग्ध है।

सूत्रो का कहना है कि गांडियों के जो पार्टसो में जो कुछ ऐसे कांच मिले है वह इन दोनो की किसी भी गाडियों के नही है। एसपीएस परिसर में सबूत मिटाने की कोशिश ने ऐसे कांचों को तोडकर फैका गया जो एसएसएल टीम के इन गाडियों के कांचो के मिलन में नही मिले।

इतना ही नही इंडिका कार को कोतवाली लाने से पहले एसपीएस परिसर में मरमम्त भी कराया गया है इस दुर्घटना में इंडिका गाडी की ड्रायबर साईड की हैडलाईट टूट गई थी परन्तु जब्त गाडी में हैडलाईड का कांच नया था और जब्त किए कांच में पुरानी टूटी हँडलाईन के कांच के टूकडे मिले थे। इस टीम को पूरा ही मामला संदिग्ध लगा है।

इस मामले में कई सवाल खडे हो रह है कि जब एक्सीटेंड 5 बजे हो गया तो खबर दो घंटे बाद क्यो आई,दूसरा अगर ये केवल एक्सीटेंड था तो घटना स्थल पर इंडिका कार की मर त क्यो कराई गई,शाम को ही गाडी पुलिस को क्यो नही दी रात तक पुलिस को चाबी नही मिलने को लेकर टालते रहे। एक्सीटेंड के समय गाडी अज्ञात क्यो बताई गई जबकि एक्सीटेंड के समय एसपीएस का पूरा स्टाफ मौजूद था।

यह आरोप लगाए थे सुबह मृतक के परिजनो ने
मृतक के चचेरे भाई विशाल भार्गव का आरोप है कि श्री भास्कर स्वयं कार चला रहे थे और दुर्घटना के बाद एक अन्य शिक्षक तिवारी ने उन्हें वहां से भगा दिया था। अकेडमी का प्राचार्य और सहायक प्राचार्य संजय से ईष्र्या रखते थे क्योंकि संजय अकेडमी संचालक अशोक ठाकुर के विश्वासपात्रों में जाना जाने लगा था जिससे संचालक के समक्ष दोनों की पूछपरख कम होने लगी थी और इसी के चलते आये दिन तिवारी और भास्कर संजय से झगड़ते थे और इन्हीं झगड़ों को खत्म करने के लिये दोनों ने संजय की हत्या कर दी और उसे दुर्घटना में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं।