अच्छाईयों को अपनाने का वर्ष है नूतन वर्ष: साध्वी वैभवश्री

शिवपुरी-नव वर्ष 2015 में अच्छाईयों को अधिकाधिक लोगों के बीच छोड़ें, वर्ष बदला, तारीख बदले, पर क्या हम बदलें, इसलिए हमें बदलाव की आवश्यकता है। उन बुराईयों की उन बुरे विचारों को जो बीते वर्ष छोड़ रहे है। नए वर्ष में अच्छाईयों को ग्रहण करें और अपने हर कार्य को पूर्ण स्वतंत्रता के साथ करें।

क्योंकि गत वर्ष जो नहीं कर पाए उसका पश्चाताप ना करें, नए वर्ष नए विचारों को ग्रहण करें और उसे अन्य लोगों को भी दें तभी हम नव वर्ष की सार्थकता को पूरा कर सकेंगें। उक्त संदेश दिया प्रसिद्ध जैन साध्वी वैभवश्री जी म.सा. ने जिन्होंने जैन समाज को नव वर्ष की शुभकामनाऐं देते हुए अपना नवीन संदेश दिया।

साध्वी वैभवश्री जी ने अपने संदेश में कहा कि पूज्य गुरूवर विराट गुरूजी महाराज कहते हैं कि असफलता और सफलता में अंतर होता है असफल वह होता है जो नए वातावरण में नए तरीकों को अपनाने से घबराता है और सफल व्यक्ति वह होता है जो हर परिस्थिति में अपने हर कार्य को नए अंदाज में करता चला जाता है। साध्वी वैभवश्री जी ने कहा कि मन,वाणी और वचन का प्रयोग कुछ ऐसा हो कि स्वपर हितकारी बनें, ऐसे कार्य करें। सभी के जीवन में खुशियों का रंग भरे और मिलजुल करें यही नूतन वर्ष का संदेश है।