नपा उपाध्यक्ष: कांग्रेस और भाजपा के अतिरिक्त निर्दलीयों का तीसरा मोर्चा भी मैदान में

शिवपुरी। इसे विडंबना ही कहेंगें कि एक ओर जहां भाजपा के 18 पार्षद, कांग्रेस के 12 पार्षद और अब तीसरे मोर्च के रूप में खड़े है महज 8 निर्दलीय पार्षद, ऐसे में अभी तक तो नगर पालिका में उपाध्यक्ष पद की खींचतान केवल भाजपा-कांग्रेस में ही थी लेकिन गत दिवस निर्दलीयों की हुई बैठक ने संदेश दिया है कि निर्दलीय प्रत्याशियों में भी उपाध्यक्ष बनने का द भ है।

नगरपालिका उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हमारा कांग्रेस और भाजपा से कोई संबंध नहीं रहेगा। दोनों दलों ने तो हमारे पार्षदों को कचरे के ढेर में पहले ही डाल दिया था। इस बार थर्ड फ्रंट का उ मीदवार उपाध्यक्ष बनेगा और उसे भाजपा के कम से कम 8 और कांग्रेस के 3 पार्षदों का समर्थन मिलेगा। उक्त बात वार्ड क्रमांक 11 की निर्दलीय पार्षद श्रीमती नीलम बघेल और उनके पति अनिल बघेल ने इस संवाददाता से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हम पैसे का खेल नहीं चलने देंगे। न तो पैसे लेंगे और न ही देंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे पांच साल हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

भाजपा की बागी उम्मीदवार के रूप में विजयी हुई श्रीमती नीलम बघेल भाजपा नेता और पूर्व पार्षद अनिल बघेल की पत्नी हैं। दोनों के मन में भाजपा के जिला महामंत्री के प्रति गहरा गुस्सा है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के उन जैसे नेता हैं। उसका भगवान मालिक है। उनके रहते पार्टी के प्रति निष्ठा का कोई मूल्य नहीं है। यही हालत कांग्रेस मेें हैं। दोनों दल वैचारिक दीनता के शिकार हैं और कांग्रेस तथा भाजपा में उपाध्यक्ष पद के टिकट के लिए धनपति पार्षद सामने आ रहे हैं।

उन्हें लगता है कि तिजोरी का मुंह खोलकर वह किसी को भी खरीद लेंगे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। थर्ड फ्रंट के पार्षद जिनमें 8 निर्दलीय और 1 बसपा का है वह किसी भी मूल्य पर नहीं बिचेंगे। धनबल ने नगरपालिका को भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है। यही कारण है कि चुने गए अधिकांश पार्षद इसके पहले कमीशनखोरी भ्रष्टाचार में मशगूल रहते थे, लेकिन इस बार हम ऐसा नहीं होने देंगे और नगरपालिका में भ्रष्टाचार करने वाले पार्षदों का मुंह काला करेंगे। कांग्रेस और भाजपा को नगर के विकास की कोई चिंता नहीं है। दोनों दलों ने नगरपालिका का दोहन किया है और जनहित की उपेक्षा की है।

इस कारण नगरपालिका के निर्दलीय पार्षदों ने थर्ड फं्रट बनाया है। इस फं्रट का उ मीदवार उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेगा। जब श्रीमती बघेल से पूछा गया कि थर्ड फं्रट के पार्षदों में फूट है और पार्षद पति अजय भार्गव और रामू गुर्जर ने कहा है कि वह यशोधरा राजे सिंधिया के प्रति निष्ठावान है और उनके आदेश का पालन करेंगे तो श्रीमती बघेल ने कहा कि हमारी भी नेता यशोधरा राजे हैं। वह यहां की विधायक हैं। मंत्री हैं और नगर विकास के लिए उनके आदेश का पालन किया जाएगा। लेकिन उपाध्यक्ष पद के चुनाव में उनकी सलाह नहीं मानी जाएगी और थर्ड फं्रट के उ मीदवार को यदि वह समर्थन देने को तैयार हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।

निर्दलीय पार्षदों में फूट के संकेत
निर्दलीय पार्षदों ने बैठक कर भले ही अपनी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया हो और उपाध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी रखी हो, लेकिन बैठक के तुरंत बाद ही निर्दलीय पार्षदों में फूट के संकेत उभरने लगे हैं। वार्ड क्रमांक 19 की निर्दलीय पार्षद मनीषा गुर्जर के पति विनीत रामू गुर्जर ने कहा कि वह महाराज (यशोधरा राजे सिंधिया) के आदेश का पालन करेंगे और वह जिसे कहेंगी उसे वोट देंगे।

वहीं वार्ड क्रमांक 27 की पार्षद अनीता भार्गव के पति अजय भार्गव ने कहा कि यदि यशोधरा राजे सिंधिया उन्हें बुलाएंगी तो वह अवश्य जाएंगे तथा भाजपा यदि उपयुक्त उ मीदवार मैदान में उतारेगी तो उसका समर्थन भी करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि वह किसका समर्थन नहीं करेंगे तो उन्होंने स्पष्ट रूप से चंद्रकुमार बंसल और भानु दुबे का नाम बताया। इनके विरोध का कारण क्या है? इसका जवाब देते हुए अजय भार्गव ने कहा कि आखिर धनपतियों को ही टिकट क्यों? भाजपा क्यों नहीं किसी गरीब पार्षद को टिकट देती। यदि किसी गरीब पार्षद को भाजपा ने उ मीदवार बनाया तो वह उसका समर्थन करेंगे।