ज्योतिष कहती है: शिवपुरी के लिए विकासोन्मुखी वर्ष 2015

शिवपुरी। शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषविद् पं.विकासदीप शर्मा मंशापूर्ण पुजारी के अनुसार शिवपुरी का जन्म 1919 मे जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 01 जनवरी 1920 को सीपरी का पुराना नाम बदलकर नया नाम शिवपुरी रखा गया। जो बाद मे यहां का स्थायी नाम हो गया। नया साल नई खुशियां, नए सपने, नए अरमान और नए संकल्प लेकर आता है।

वर्ष 2015 में यह देखने में आ रहा है कि शिवपुरी की जन्म कुंडली मे उच्च का गुरु है ओर सूर्य की दशम भाव पर पूर्ण द्रष्टि है ऐसे में यहां पराकर्म भाव के राहू शुक्र बुध के साथ होने से यहा धर्म कार्यो से लाभ होगा। सूर्य के प्रभाव से राजाओ का वर्चस्व रहेगा ओर विकास की धारा भी राजा के द्वारा हमेशा रहेगी। शुक्र राहू बुध के प्रभाव से पर्यटन तकनीकी ओर बैंकिंग न्याय क्षेत्रों मे शिवपुरी का विकास जल्दी रहेगा।

शिवपुरी की जन्म पत्रिका मे वर्तमान मे 29.05.2014 से 04.04.2017 तक शनि मे राहू की दशा रहेगी। राहू तीसरे भाव मे पराक्रम को बड़ाता है। जनता ओर राजा के बीच मतभेद कराता है शनि से राहू चतुर्थ है जों जनता को पीड़ा देता है। शिवपुरी का 3 वर्ष का समय राहू का कार्यकाल होने से शिवपुरी की सुंदरता को बिगाड़ रहा है। लेकिन राहू आने पर परेशानी देता है ओर राहू जाते जाते पूर्ण सुधार करता है। शनिराहु दशा मे चोर का भय हानि और झगड़ा करता है राजनीति मे भी परिवर्तन आते है जून 2015 के बाद कोई ना कोई व्यापार या नवीन कार्य को प्रार भ कराएगा।

21 मार्च 2015 से नव संवत्सर लगेगा। ज्योतिष के अनुसार हिन्दुओ का नया वर्ष प्रार भ होगा। इस संबत का नाम कीलक है इस संबत का फल राष्ट्रीय न्यायपालिका मे बहू विषयक संशोधन समाधान रहेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास व आहार खान पान मे सुधार आयेगा। जन स्वास्थ्य केन्द्रो में सुधार आएगा। नित्य उपयोगी खाध्य पदार्थो मे शासकीय नियंत्रण रहेगा। नवीन योजना मे सुधार होगा । दुग्ध उत्पादन से  जुड़ी कोई नया अनुसंधान केंद्र बनेगा, अबरोधित कार्यो मे गति बदलनेगी,आर्थिक मुद्रा कोष पर विचार होगा। बड़ा परिवर्तन 29.05.2014 से 04.04.2017 तक शनि मे राहू दशा लायेगी बहुत बड़ा परिवर्तन, राहू परिवर्तन का कारक गृह है।

शिवपुरी की कुंडली में राहू पराक्रम मे होने से तीसरा भाव प्रदर्शन का है। कोई बड़े कार्य योजना का पूर्ण होना दर्शाता है। राहू की अंतर्दशा मे कोई भी शहर का उजाड़ पन भी होता है लेकिन राहू पहले बिगाडता है फि र शहर की दशा को सुधारता भी है। राहू के आने से परिवर्तन कई क्षेत्रों मे देखने को मिलेगा। शनि से राहू का गौचर एकादशा होने से 2015 मे नवीनीकरण के कार्य अधिक रहेंगे। छोटी छोटी बातों मे क्लेश, झगड़ा की संभावना बनेंगी साथ ही ऊंची सोच के साथ बड़े परिणाम सामने आएंगे। 14 जुलाई 2015  तक  गुरु उच्च राशि के होने से व्यापार का संकेत 20 जून से गुरु की आय भाव यानी एकादश पर उच्च की स्थिति आय में वृद्धि का सूचक है। गुरु अपनी उच्च राशि मे 13 वर्ष मे एक बार आते है। गुरु शिक्षा के छेत्र मे उन्नति धर्म कर्म के मार्ग पर चलने वालो को मान स मान दिलाएगा।

शिक्षको को नौकरी मे विशेष लाभ कराएगा। वाणी का प्रभाव बढ़ेगा। गुरु व शुक्र का सीधा-सीधा प्रभाव शुभ कार्य व विवाह पर ही अधिक देखने को मिलता है। गुरु धर्म, न्याय, सोचने-समझने की तर्क शक्ति प्रदाता हैं। वहीं महत्वाकांक्षा का भी कारक है। उसके अस्त होने पर शुभ कार्य नहीं होते ना ही पूजा पाठ होती है ना अन्य कार्य। गुरु के अस्त होने पर सीधा-सीधा प्रभाव हमारी अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ता है। इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े व्यक्ति भी इस वर्ष लाभान्वित होंगे। शुक्र का ज्यादा प्रभाव नई-नई टेक्नोलॉजी पर अधिक पड़ता है। जब आईटी सेक्टर में उभार आएगाए तो जो युवा आईटी सेक्टर से जुड़े हैं उन्हें सर्वाधिक लाभ होगा।