2013 की तरह 2014 में भी जिले में कांग्रेस का बढ़ा ग्राफ

शिवपुरी। 2014 में भले ही पूरे देश से कांग्रेस का सफाया हुआ हो, लेकिन शिवपुरी जिले में 2014 का साल कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हुआ। शिवपुरी शहर से भले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया 14 हजार से अधिक मतों से हारना पड़ा और शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में वह पांच हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया से पीछे रहे।

 लेकिन इसके बावजूद वह एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत गये। नगरपालिका में प्रत्यक्ष पद्धति से शुरू हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में अभी तक कांग्रेस को सफलता हासिल नहीं हुई थी, लेकिन पहली बार 2014 के अंत में कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल कुशवाह की आसानी से ताजपोशी हो गई। यही नहीं जिले की नगर पंचायतों बैराड़, पिछोर, खनियांधाना, कोलारस, बदरवास में कांग्रेस अध्यक्ष पद हथियाने में सफल रही। भाजपा को अकेली सफलता करैरा नगर पंचायत में मिली।

राजनैतिक  दृष्टि से 2014 का साल कांग्रेस के लिए खासा लाभदायक रहा और उसकी यशोगाथा 2013 की तरह 2014 में भी जारी रही। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश के समीकरणों को उलटते हुए जिले की पांच सीटों में से तीन पर विजयश्री हासिल की थी और 2014 में भी उसका ग्राफ बढ़ता गया। लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर का जादू था। जिले के शहरी क्षेत्र में मोदी लहर का प्रभाव देखा गया, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सिंधिया का जादू बदस्तूर जारी रहा।

जिले की तीन विधानसभा सीटों में से दो कोलारस और पिछोर में सिंधिया ने भारी बहुमत से विजयश्री हासिल की और संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से 6 पर उन्होंने बढ़त हासिल कर आसानी से विजयश्री हासिल कर ली, लेकिन शिवपुरी और गुना शहर में वह भाजपा प्रत्याशी से पीछे रहे जिससे उनका मनोबल कमजोर हुआ, परंतु नगरपालिका चुनाव में इस नुकसान की भरपाई भी उन्होंने कर ली।

शिवपुरी नगरपालिका के चुनाव में सारे समीकरण कांग्रेस के प्रतिकूल थे। कांग्रेस का बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में था, वहीं बसपा और समाजवादी पार्टी के उ मीदवार ने भी कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल कुशवाह की मुश्किलें बढ़ाई थीं, लेकिन इसके बावजूद भी मुन्नालाल कुशवाह लगभग 6 हजार मतों से चुनाव जीत गये और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी हरिओम राठौर को करारी मात दी।

जिले की 6 में से 5 नगर पंचायतों बैराड़, पिछोर, खनियांधाना, कोलारस, बदरवास में कांग्रेस के कब्जे से पार्टी का मनोबल और मजबूत हुआ। पिछोर और खनियांधाना नगर पंचायतें कांग्रेस ने भाजपा के कब्जे से निकालीं थी जबकि कोलारस और बदरवास में कांग्रेस का बर्चस्व पूर्व की तरह इस बार भी जारी रहा। बैराड़ में पहली बार हुये चुनाव में कांग्रेस ने जहां जीत हासिल की, वहीं भाजपा प्रत्याशी चौथे स्थान पर खिसक गया।