राजे अशोक बााबा के नाम पर जिद पर अडी, और मान नही रहा तोमर खेमा

शिवपुरी। नपा अध्यक्ष के भाजपा के टिकिट पर लडने वाले नामो में अभी भी बादल साफ नही हो पा रहै है, लेकिन सूत्र बता रहे है कि यशोधरा राजे सिंधिया अशोक बाबा को फायनल किया है और संभागीय समिति में केवल अशोक बाबा का नाम भेजा है परन्तु सिंघल नाम पर तोमर खेमा नही मान रहा है।

भाजपा की जिला चुनाव समिति के बाद संभागीय समिति भी नपाध्यक्ष पद के पार्टी प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर पाई। सूत्र बताते हैं कि प्रत्याशी के नाम की घोषणा अब भोपाल से होगी। संभागीय समिति की अध्यक्ष श्रीमती मायासिंह की प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान से इस बावत चर्चा हो चुकी है और पार्टी सूत्रों के अनुसार आज शाम तक नाम की घोषणा संभावित है। उ मीदवारी के लिये किसी एक नाम पर आम सहमति नहीं बन पा रही है। यशोधरा खेमा जहां अशोक बाबा के नाम पर जोर दे रहा है, वहीं विरोधी खेमा राजू बाथम और हेमंत ओझा पर दांव लगाये हुए है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा टिकिट लेने के लिये 29 दावेदारों ने अपने वायोडेटा पार्टी को सौंपे थे। इन नामों पर जिला चुनाव समिति में विचार हुआ, लेकिन कोई आम राय नहीं बन पाई। सूत्र बताते हैं कि यशोधरा खेमे का जोर संभागीय समिति को सिंगल नाम अशोक बाबा भेजने पर रहा, वहीं इस बात का विरोध पार्टी के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, महामंत्री सुशील रघुवंशी और जगराम सिंह यादव तथा संगठनमंत्री श्याम महाजन ने किया।

उनका कहना था कि सिंगल नाम के स्थान पर पैनल भेजा जाये। सूत्रों के अनुसार यशोधरा खेमे में अशोक बाबा के नाम की पैरवी जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू, विमलेश गोयल, नपा उपाध्यक्ष भानु दुबे आदि ने की। उनके नाम के लिये पर्दे के पीछे अनेक नेता भी सक्रिय रहे। यही कारण रहा है कि यशोधरा खेमे ने श्री बाबा के नाम को आगे बढ़ाया। लेकिन उनके नाम पर बैठक में सहमति नहीं बन पाई।

श्री तोमर खेमे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यदि यशोधरा खेमे से हरिओम राठौर का सामने आता तो शायद इस नाम पर सहमति बन जाती। श्री तोमर खेमे के विरोध के कारण अध्यक्ष पद के लिये पैनल तैयार हुआ और राजू बाथम तथा हेमंत ओझा के नाम भी इस पैनल में शामिल हुए। बाद में एक-दो नाम इसमें जोड़े गये, लेकिन यह समझा जा रहा है कि विचार में पहले तीन नाम अशोक बाबा, राजू बाथम और हेमंत ओझा हैं।

कल संभागीय चुनाव समिति की ग्वालियर में बैठक होनी थी। पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल बैठक में शामिल होने के लिये ग्वालियर पहुंचे, लेकिन बैठक नहीं हो सके और संभागीय समिति ने गेंद प्रदेश के  वरिष्ठ नेताओं के पाले में डाल दी। देखना यह है कि इन तीनों नामों में से किस पर मोहर लगती है या फिर भाजपा कोई अन्य विकल्प अपनायेगी।