कलियुग में ईश्वर की नहीं सच्चे इंसान की जरूरत : राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर जी महाराज

शिवपुरी। कलियुग के इस युग में मनुष्य ईश्वर को पाना चाहता है लेकिन ईश्वर को पाने से पहले मनुष्य को स्वयं को सच्चा इंसान बनाने की आवश्यकता है और जिस दिन वह इंसान से इंसानियत के रूप में पहचाना जाएगा उस दिन उसे ईश्वर मिल जाऐंगें, घर के वृद्ध को वृद्धाश्रम ना जाने दें और मंदिर जाने से पहले अपने घर को ही मंदिर बना ले तो भारत देश सही अर्थों में ईश्वरीय संसार बन जाएगा।

यह कहना था कि राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर जी महाराज का जो स्थानीय सतनबाड़ा में आयोजित प्रेसवार्ता के माध्यम से जन सामान्य को घर-परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए किए जाने वाले कार्यों का संदेश दे रहे थे जिसमें शुरूआत घर से ही की जाना चाहिए तभी हम परिवार, समाज और राष्ट्र को उन्नति के शिखर तक पहुंचा पाऐंगें। प्रेसवार्ता में संत महापुरूषों की व्या या करते हुए राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज ने कहा कि जिस दिन मोह माया का त्याग कर सन्यासी (विरक्ति)का प्रवेश हो जाए तो समझो संत के मार्ग का प्रवेश खुल जाता है सच्चा सन्यासी वही होता है जिसमें वह स्वयं में सन्यासी की आत्मानुभूति करें।

महाराजश्री ने कहा कि भारत से अच्छा देश कोई और नहीं क्योंकि यहां भगवान महावीर स्वामी जन्मे है और यहीं रहे है लेकिन विदेशों में जो भारतीय जैन गए वहां जाकर वह बिगड़ गए है। महाराश्री ने ईश्वरत्व की व्या या इंसानियत से की जहां इस संसार के तीर्थनकरों महापुरूषों ने इंसानियत को अपना लिया इसलिए वह आगे बढ़ गए। इस अवसर पर महाराजश्री की आगवानी करने श्रीचंद्रप्रभु जिनालय मंदिर से अनेकों जैन बन्धु सतनबाड़ा पहुंचे।

यहां बताना होगा कि मुनिश्री पुलक सागर जी महाराज ग्वालियर से पदविहार कर इन्दौर के लिए रवाना हुए है जहां 12 वर्षों बाद आज शिवपुरी में गुरूदेव के चरण पड़ेेंगेे। मुनिश्री ने कहा भी है कि उनके अनन्य भक्तों के आग्रह पर वह शिवपुरी प्रवास कर रहे है।

यह रहेगा कार्यक्रम
राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर जी महाराज का शिवपुरी में आगमन को लेकर पिछले 12 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा अब समाप्त हुई है। जिसमें गाजे-बाजे के साथ आज मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज की भव्य नगरागमन की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है और पीली कोठी से भव्य जुलूस के रूप में प्रात: 8 बजे से कमलागंज से श्ुारू होकर एबी रोड़, माधवचौक चौराहा होते हुए सदर बाजार में श्री चन्द्रप्रभु जिनालय पहुंचेगी। जहां मुनिश्री के मंगल प्रवचन होंगें।

108 कलश लेकर चलेंगी महिलाऐं
मुनिश्री की मंगल प्रवेश यात्रा में सबसे आगे 108 महिलाऐं सिर पर कलश लेकर चलेंगी, वहीं वीर सेवा संघ के युवाओं का दिव्य घोष बैण्ड का वादन होगा। यात्रा में पुलक चेतना मंच एवं जैन महिला जागृति मंच के सदस्य भी एक ड्रेस में नजर आऐंगें।

तीन दिवसीय बहेगी ज्ञान गंगा
मुनिश्री की वाणी सुनने को मात्र जैन समाज ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोग उत्सुक रहते है। 13 से 15 तक सदर बाजार स्थित श्री चन्द्रप्रभु जिनालय प्रांगण में प्रात: 8:30बजे से तीन दिवसीय ज्ञान गंगा महोत्सव में मुनिश्री आध्यात्म के साथ घर परिवार एवं समाज मे जीवन को जीने के सूत्र बताऐंगें।

16 को होगी जिनेन्द्र महाअर्चना
राष्ट्रसंत मुनिश्री पुलक सागर जी महाराज के सानिध्य में 16 नव बर रविवार को प्रात: 6 बजे से श्री जिनेन्द्र महाअर्चना का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिसमें सौधर्म ईन्द्र सहित चक्रवर्ती राजा के द्वारा जिनेन्द्र भगवान का विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। वहीं प्रतिदिन महाराजश्री के आगन पर सायंकाल 5 बजे से श्री चन्प्रभु जिनालय प्रांगण में गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन किया जाएगा।