सीधे जमीन पर बिठाकर खिलाया जा रहा था मध्याह्न भोजन, कई स्कूल में लटके मिले ताले

शिवपुरी। जिला परियोजना समन्वयक शिरोमणी दुबे ने खनियांधाना विकासखंड के आधा दर्जन प्रायमरी व मिडिल स्कूलों का औचक निरीक्षण किया इसमें बड़ी गड़बडिय़ां सामने आई। बच्चो को जमीन पर खाना खिलाया जा रहा था। कई स्कुल में ताले लडके मिले।

निरीक्षण के दौरान शासकीय मिडिल स्कूल बामौरखुर्द में एक शिक्षिका पिछले एक साल से बगैर सूचना के गैर हाजिर मिलीं, वहीं दूसरी शिक्षिका भी 8 महीने तक स्कूल से गायब रहने के बाद संकुल प्राचार्य ने दबाव डालकर हाजिर कराया खास बात यह रही कि निरीक्षण में कई स्कूलों पर ताला लटका मिला वहीं एमडीएम में भी बड़ी अनियमितताएं पाई गई गैर हाजिर शिक्षकों के खिलाफ वेतन काटने की कार्रवाई संस्थित की हैं

खनियांधाना विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल देवरी डीपीसी के निरीक्षण के दौरान दोपहर 3:10 पर बंद पाया गया स्थिति यह थी कि यहां बेहद गंदगी थी व शौचालय भी अधूरा और टूटा हुआ पाया गया यहां पदस्थ शिक्षक वीरेन्द्रसिंह यादव व सहायक अध्यापक महेन्द्रसिंह वैश गैर हाजिर थे।

प्राइमरी स्कूल रिछाई में दोपहर 3:35 बजे ही छुट्टी कर दी गई थी यहां डीपीसी को बच्चे रास्ते में घर जाते हुए मिले शासकीय प्राइमरी स्कूल बरवटपुरा 3:50 पर बंद मिला यहां प्रभारी भागवती वमन्या व सहायक अध्यापक मुकेश जैन से स्कूल का ताला खुलवाया तो छात्रों की उपस्थिति 24 तारीख से नहीं लगाई गई थी शौचालय टूटा मिला व एमडीएम की स्थिति भी दयनीय पाई गई।

शासकीय प्रायमरी स्कूल रमपुरा में हेडमास्टर श्रीपत वंशकार गैर हाजिर मिले वहीं 95 में से 25 छात्र ही स्कूल में मौजूद थे यहां शौचालय अधूरा पड़ा था साथ ही एमडीएम का वितरण नहीं किया गया है खास बात यह थी कि शिक्षक फूलचंद कोलीए राघवेन्द्रसिंह जाट व मनोज परिहार तीनों एक ही कक्षा में बैठे हुए थे इसके अलावा बच्चों को महज 12 थालियां ही मिली।

मिडिल स्कूल बामौर में अध्यापिका अनुराधा वर्मा 17 अक्टूबर 2013 से बगैर सूचना के गैर हाजिर मिली वहीं अध्यापिका प्रीति माथुरिया 7 जनवरी से 17 सित बर 14 तक बगैर सूचना के नदारद थी स्कूल की प्रभारी शोभाराजा चौहान के पास स्कूल का कोई रिकार्ड नहीं मिला वहीं 123 में से 40 छात्र ही मौजूद मिले और एमडीएम भी मेन्यु अनुसार नहीं पाया गया।

मिडिल स्कूल बामौरखुर्द में प्रभारी सालिगराम सोनी मौजूद थेए लेकिन 144 में से 46 छात्र ही स्कूल में मिले वहीं एमडीएम में दो रोटी दी जा रही थी साथ ही बच्चे ग्राउण्ड में जमीन पर बैठकर कटोरियों में भोजन कर रहे थे साथ ही गणवेश की राशि भी नहीं बांटी गईं थी।