रास्ता रोककर शिक्षक के साथ मारपीट, कार्यवाही की मांग

शिवपुरी। बच्चों को शिक्षा देने वाले एक शिक्षक को उससे पुरानी रंजिश रखने वाले कुछ लोग आए दिन रास्ते में रोककर ना केवल गाली-गलौज करते है बल्कि कई बार चलती बस से उतारकर उसके साथ मारपीट की घटना को भी अंजाम दे देते है।
ऐसे में पीडि़त शिक्षक अपने कार्य के प्रति बड़ी मुश्किल से स्कूल पहुंच पाता है लेकिन आरोपियों की हरकतों के कारण वह तनाव में रहकर अपने कार्य को करने में असमर्थ नजर आ रहा है। कई बार शिक्षाधिकारी व डीपीसी को भी शिकायत की लेकिन ना तो इस शिक्षक की कोई सुनवाई की और ना ही उसका स्थानांतरण किया। ऐसे में पीडि़त शिक्षक ने कलेक्टर व एसपी से अब न्याय की गुहार लगाई है। पीडि़त प्रजापति समाज का है जहां उसकी इस गंभीर स्थिति को देखकर प्रजापति समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरज्ञान प्रजापति ने भी शिक्षक को न्याय दिलाने की बात कही है और यदि इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो प्रजापति समाज अपनी समस्या के निदान के लिए विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होगा।

अपने शिकायती आवेदन में पीडि़त शिक्षक कालीचरण पुत्र हुकुम सिंह प्रजापति निवासी ग्राम नरौआ तहसील नरवर हाल निवासी गल्ला मण्डी के सामने करैरा ने बताया कि वह शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पद पदस्थ होकर शा.मा.वि. नरौआ में कार्यरत है लेकिन बीते 13 नव बर को सुबह 9:35 बजे जब अशोक टे्रवल्स बस से अपने स्कूल नरौआ जा रहा था कि तभी उससे रंजिश रखने वाले ग्राम नरौआ के सरपंच पति चंदन सिंह रावत व उसके साथी हनुमंत सिंह रावत ने बस को रूकवाया और मेरे साथ अकारण मारपीट की और रंजिशन केस के लिए राजीनामे का दबाब बनाया। जिस पर कालीचरण बमुश्किल आरोपियों के चंगुल से छूटकर भागा और सीधे पुलिस मेंआकर शिकायत की। 

जिसमें आरोपियों के विरूद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कराया। इस घटना के बाद पीडि़त शिक्षक आरोपियों के द्वारा दी गई धमकी से भयभीत है और वह अपना अध्यापन कार्य करने में भी असमर्थ है। इस समस्या से जिला शिक्षाधिकारी व डीपीसी को भी अवगत करा दिया गया लेकिन कोई निदान ना होने से आज शिक्षक अपने भय के मारे कहीं आ जा नहीं पा रहा। इस संबंध में पीडि़त ने अपने समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरज्ञान प्रजापति को यह समस्या बताकर उचित कार्यवाही की मांग की है। जिस पर प्रजापति समाज की ओर से भी पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्या के शीघ्र निदान की बात कही है अन्यथा की स्थिति में पीडि़त शिक्षक को साथ लेकर प्रजापति समाज उग्र आन्दोलन करने को बाध्य होगा।