फिर श्रीमंत का शिकार हो गए जिला खेल अधिकारी धौलपुरिया

शिवपुरी। अपने हर दौरे पर 2-4 सरकारी अधिकारियों को तलाड़ने का रिकार्ड बना रहीं शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने इस बार कलेक्टर एवं खेल अधिकारी को अपने टारगेट पर लिया। बेचारे खेल अधिकारी तो एक मासूम सलाह देकर फंस गए। सबके सामने तमाम खरीखोटी सुननी पड़ीं।

शिवपुरी जिला प्रशासन में यशोधरा राजे सिंधिया के कार्यक्रमों को लेकर कम से कम सरकारी अधिकारी/कर्मचारियों में तो खासी भगदड़ देखने को मिलती है। इसलिए नहीं कि दौरा कार्यक्रम है, बल्कि इसलिए क्योंकि वो जानते हैं कि व्यवस्थाएं कितनी भी अच्छी कर लीजिए, आयोजक को कोई ना कोई मीनमेख निकालकर श्रीमंत का शिकार होना ही पड़ता है।

ताजा मामला खेल विभाग का है। श्रीमंत माधवराव सिंधिया खेल परिसर का निरीक्षण कार्यक्रम था। इस दौरान खेल मंत्रालय के संचालक उपेन्द्र जैन के साथ विनोद प्रधान, एलयूएन के चीफ इंजीनियर जेएन करण व शिवपुरी के उद्योग विभाग के जिला प्रबंधक कर्मचारियों के अलावा जिला खेल अधिकारी एमके धौलपुरिया भी उपस्थित थे।

विधायक ने खेल परिसर के संबंध में स्टेडियम के कक्ष में अधिकारियों की बैठक ली और जीर्णोद्वार कार्य को लेकर चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की। इसी दौरान वो आवश्यक दिशा निर्देश दे रहीं थीं कि खेल अधिकारी धौलपुरिया ने एक मासूम सी सलाह दे डाली। बोले जिन लोगों ने खेल परिसर के विकास में योगदान दिया है उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उनकी फोटोगैलरी बनानी चाहिए। बस फिर क्या था। श्रीमंत का पारा आसमान चढ़ गया। स्टेडियम के विकास का क्रेडिट श्रीमंत के अलावा किसी और को देने का विचार भी गुनाह-ए-अजीम होता है, सो धौलपुरिया को भी इसकी सजा भोगनी पड़ी।

श्रीमंत ने सबके सामने खेल अधिकारी को खूब खरीखोटी सुनाई। मामला स्टेडियम के विकास में क्रेडिट पर अतिक्रमण का है और इन दिनों श्रीमंत केबीनेट मंत्री भी हैं, क्या पता उनका यह गुस्सा ठंडा होगा भी या नहीं। या फिर धौलपुरिया को इस गुनाह के लिए कुछ और भी भोगना पड़ेगा।

हालांकि कलेक्टर शिवपुरी श्रीमंत की इस लत से बाकिफ हैं और इसीलिए श्रीमंत के शिकार को हमेशा मुस्कान भरी मरहम लगा दिया करते हैं। अब देखना यह है कि दूसरी बार श्रीमंत का शिकार हुए धौलपुरिया के मामले में कलेक्टर क्या करते हैं।