भोलीभाली नहीं है ममता, बयान पर भरोसा कैसे करें

शिवपुरी। पोहरी में बीती रात संदिग्ध परिस्थितियों में हुए गजेन्द्र की मौत के मामले में 90प्रतिशत तक जल चुकी महिला ममता ने अपने बयान रिकार्ड करवा दिए हैं परंतु उसके बयानों पर भरोसा नहीं किया जा रहा। लोगों का कहना है कि ममता कोई भोली भाली महिला नहीं थी। वो अपने पति को बंद करवा चुकी है, सास तंग आकर अपना आवंटित मकान छोड़ गई, पति मिलने नहीं आता था और दूसरे पुरुष से अवैध रिश्ते भी थे। इसके अलावा गजेन्द्र की जीभ बाहर निकली हुई थी और मृत्यु से पूर्व अपने बचाव के कोई संघर्ष के निशान भी वहां नहीं है। कुल मिलाकर यह कहानी पैचीदा हो गई है।

पोहरी कस्बे में कल रात्रि संदिग्ध परिस्थिति में जले विवाहित युवक और युवती को क्या जान लेने के उद्देश्य से जलाया गया था या फिर उन्होंने आत्महत्या की थी। इन सवालों की गुत्थी पुलिस को सुलझानी है। गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती प्रेमिका श्रीमती ममता पत्नी संजय सिंह तोमर उम्र 32 वर्ष के मृत्यु पूर्व दिए गए कथन को यदि माना जाए तो मृतक गजेन्द्र सिंह उर्फ चिम्मन पुत्र रामभरोसी जादौन उम्र 38 वर्ष ने ममता और अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाई थी।

प्रत्यक्षदर्शियों का कथन है कि 13 और 14 सितम्बर की रात्रि को 12 बजे ममता तोमर अपनी सास श्रीमती आशा तोमर के नाम से आबंटित शासकीय आवास से जलती हुई अवस्था में चिल्लाती हुई बाहर आई थी। इस पर पड़ोसियों ने उसे बचाने की कोशिश की और जब वह आवास के अंदर आए तो उन्होंने गजेन्द्र सिंह को जली हुई हालत में मृत अवस्था में देखा। उसकी जीभ बाहर निकल रही थी।

सवाल यह है कि जलने के बाद जैसे ममता चिल्लाई थी वैसे गजेन्द्र सिंह क्यों नहीं चिल्लाया। यह भी संभव हो सकता है कि पहले गजेन्द्र सिंह की हत्या की गई हो और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने के उद्देश्य से उसे जला दिया गया हो। गजेन्द्र सिंह का टूटा हुआ चश्मा भी दूसरे कमरे में मिला है। सूत्र बताते हैं कि गजेन्द्र सिंह को तीन-चार बार फोन कर ममता ने बुलाया था। गजेन्द्र सिंह की अगर हत्या हुई तो इस हत्या में ममता भी शामिल है अथवा नहीं। यह भी जांच का विषय है।

90 प्रतिशत जली ममता तोमर आशा कार्यकर्ता है तथा उसका पति संजय भिण्ड में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्य करता है। मृतक गजेन्द्र सिंह जादौन पोहरी में स्थित गैस एजेंसी में कार्यरत है। घटना श्रीमती ममता तोमर की सास श्रीमती आशा तोमर के नाम से आबंटित शासकीय आवास में घटित हुई है। आशा तोमर शिवपुरी में रहती है। परसों रात 9 और 10 बजे के लगभग ममता तोमर का फोन गजेन्द्र सिंह जादौन के पास आया और उससे घर पर आने को कहा।

घर में ममता का पति नहीं था और उसके दो बच्चे 11 वर्षीय पुत्र और 7 वर्षीय पुत्री अवश्य साथ थे, लेकिन वह घर के दूसरे कमरे में थे। बताया जाता है कि आधी रात के लगभग ममता तोमर जलती हुई अवस्था में चिल्लाती हुई घर से बाहर निकली। गजेन्द्र सिंह कमरे में मृत अवस्था में मिला। उसी कमरे में मिट्टी के तेल की कट्टी और माचिस पड़ी हुई थी। पुलिस ने 108 वाहन से ममता तोमर को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा।  मृतक गजेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार कल सुबह पोहरी में किया गया। जबकि ममता तोमर को दोपहर में इलाज के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया गया है।

गजेन्द्र मुझ पर अलग रहने के लिए बना रहा था दवाब: ममता
जिला अस्पताल में भर्ती ममता तोमर ने नायब तहसीलदार को दिए मृत्यु पूर्व बयान में बताया है कि गजेन्द्र सिंह उस पर पति को छोड़कर अलग रहने के लिए दवाब बनाकर रहा था, लेकिन मैंने लोकलाज के कारण ऐसा करने से इंकार किया तो इसी बात पर कुपित होकर गजेन्द्र सिंह ने दोनों के शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या करने के उद्देश्य से आग लगा ली। ममता तोमर के पुत्र ने अपने बयान में बताया कि गजेन्द्र ताऊ उसकी माँ से लड़ रहे थे और उन्होंने ही आग लगाई है।

पति को बंद करवा चुकी है ममता
ममता तोमर अपने पति संजय तोमर को भी जेल में बंद करवा चुकी है। उसने पोहरी थाने में शिकायत की थी कि उसका पति शराब पीकर उसकी मारपीट करता है और उसकी बहन पर बुरी नजर रखता है। इस पर पुलिस ने संजय को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया था और उसकी जमानत डेढ़ माह बाद ही हुई। जमानत पर रिहा होने के बाद संजय भिण्ड में सुरक्षा गार्ड बनकर नौकरी करने लगा और ममता की सास आशा तोमर भी उससे त्रस्त होकर शिवपुरी में किराये के मकान में रहने लगी जबकि पोहरी का क्वाटर आशा तोमर के नाम से ही आबंटित है। आशा तोमर स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद पर कार्यरत है।