पूनम भदौरिया और एडवोकेट वशिष्ठ में विवाद, दोनों कानून की शरण में

शिवपुरी। सोमवार की दोपहर एक युवती ने न्यायालय के पास एक नोटरी एडवोकेट के पास अपने भाई का मूल निवासी के लिए शपथ पत्र बनबाने आई थी। उसमें तीन मार्कशीटों जन्मतिथि अलग-अलग थी, इस पर वकील ने जन्मतिथि का अलग शपथ पत्र बनवाने और भाई को बुलाने पर युवती ने विवाद खडा कर दिया।

स्टॉल के सामने लगभग आधा घंटे तक जमकर हंगामा किया। उसने केवल वकील को खरी-खोटी सुनाईं, बल्कि उसके बेटे को भी देख लेने की धमकी दे डाली।

जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग दो बजे पूनम भदौरिया नामक युवती ने नोटरी एडवोकेट रूपकिशोर वशिष्ठ की स्टॉल से बाहर निकलकर अचानक चिल्लाना शुरू कर दिया।

युवती ने कहा कि मुझे इतनी देर से बैठाए रखे हुए हैं और अब मेरा शपथ पत्र नहीं बना रहे हैं। जब वकील ने उसे समझाने का प्रयास किया तो पूनम ने उन्हें भी चेतावनी भरे अंदाज में समझाते हुए कहा कि मैं कुछ सुनना नहीं चाहती। अभी मैं बताती हूं कि मैं कौन हूं। अभी रिपोर्ट दर्ज करवाती हूं।

इस बीच कुछ युवा वकीलों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवती ने उनकी एक सुनी। सूचना मिलने पर एक पुलिस दीवान मौके पर पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी।

इस मामले में नोटरी एडवोकेट रूपकिशोर वशिष्ठ का कहना है कि युवती, भाई का मूलनिवासी बनवाने आए थी, लेकिन तीन प्रमाण पत्र में जन्म अलग-अलग थीं। इस पर मैंने युवती से कहा कि पहले तुम जन्मतिथि दुरुस्त करवाने के लिए अलग से एक शपथ पत्र बनवाओ।

क्योंकि ऐसी अलग-अलग तारीख होने से मैं शपथ पत्र नहीं बना पाऊंगा। इसी बात से वो नाराज हो गई और उसने मेरी स्टॉल में रखा सारा सामान फैला दिया और मेरे साथ अभद्रता से बात करते हुए देख लेने तक की धमकी दी।

कोर्ट परिसर के बाहर वकील युवती में होती झड़प
हंगामे के दौरान अच्छी-खासी भीड़ इकट्ठा हो जाने से कुछ देर के लिए रास्ता जाम हो गया। बाद में युवती ने महिला प्रकोष्ठ में वकील के खिलाफ शिकायत की, जबकि वकील ने भी कोतवाली में युवती पर फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रमाण पत्र बनवाने एवं अपना सामान फेंकने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है।