रिटायर्ड सीएमओ ने लगाए नपा अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप

शिवपुरी। रिटायर्ड सीएमओ रामनिवास शर्मा ने अब नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रिशिका अनुराग अष्ठाना के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। क्वार्टर प्रकरण में वह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को आधार बनाकर श्रीमती अष्ठाना को बर्खास्त किए जाने के प्रयास में हैं।

वहीं सीवेज प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद भी शहर में सीसी रोड डाली जाने को लेकर श्री शर्मा लोकायुक्त में नपाध्यक्ष सहित पूरी परिषद की शिकायत करने जा रहे हैं। उनका आरोप है कि सीवेज प्रोजेक्ट मंजूरी के बाद सड़कें डाली जाना सरकारी धन का अपव्यय है। क्योंकि सीवेज प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन प्रारंभ होने के बाद सड़कों की खुदाई होना पहले से तय माना जा रहा था। श्री शर्मा सरकारी धन की बसूली के लिए लोकायुक्त में शिकायत करने जा रहे हैं।

श्री शर्मा का आरोप है कि जानकारी के बावजूद भी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अवगत कराए जाने के पश्चात भी शहर में सीसी रोडें डाली गई हैं।  सीवेज प्रोजेक्ट के तहत चल रही खुदाई से उक्त नवनिर्मित सड़कें खुदकर नष्ट हो गईं। उनका सवाल है कि क्या यह सरकारी धन का अपव्यय नहीं है। श्री शर्मा कहते हैं कि इस विषय में जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में पत्रकार विजय शर्मा ने शिकायत की थी कि शिवपुरी शहर के सीवर लाइन की योजना की निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

इसके बाद भी नपा के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा निजी स्वार्थ एवं मोटा कमीशन के चलते जानकारी होते हुए भी शहर में सीसी सड़कें डलवाई जा रही हैं। जिससे शासन और नपा के धन का खुला दुरूपयोग होगा। क्योंकि सीवर लाइन डलने से स ाी सड़कें खुदेंगी तो फिर जनता और शासन के धन को क्यों बर्बाद किया जा रहा है। चहेतों को लाभ देने की दृष्टि से सीसी रोड़ों के निर्माण की निविदा जारी की गई है। जो निविदाएं बुलाई गई हैं। इसके कार्यादेश जारी किए जा रहे हैं।

इस शिकायत के बाद नगरपालिका ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग से जानकारी मांगी। जिसके परिप्रेक्ष्य में 27 जून 2012 को विभाग के सहायक यंत्री ने मु य नगरपालिका अधिकारी को लिखित रूप में अवगत कराया कि शिवपुरी नगर में राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम के लिए निविदा आमंत्रित करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाना है। अत: नवीन सड़क निर्माण अथवा क्रांकीट का कार्य परियोजना के कार्य तक स्थगित करने का कष्ट करें। लेकिन इसके बाद भी शहर में सीसी रोडें डाली गईं।

उनके अनुसार शहर में सीवेज प्रोजेक्ट के बावजूद लगभग सवा करोड़ रूपये की सीसी सड़कें डाली गईं। इस राशि की बसूली परिषद से कराने हेतु वह लोकायुक्त से शिकायत करने जा रहे हैं। श्री शर्मा का कहना है कि नगरपालिका के क्वार्टरों में अवैधानिक रूप से रह रहे लोगों को बेदखल किए जाने हेतु एसडीएम न्यायालय में प्रकरण चल रहे थे,लेकिन  पीआईसी ने जिसमें नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना, पार्षद मथुरा प्रजापति, रहीस खां, नीरज बेडिया, भोपाल सिंह, यशोदा शर्मा आदि शामिल थीं ने संकल्प पारित कर श्री शर्मा, डॉ. योगेन्द्र दुबे, बसंतीलाल, राजेश को आबंटित क्वार्टर खाली कराने के मामले वापिस ले लिए तथा एक प्रकरण में मासिक किराया 500 रूपये निर्धारित कर लिया।


इस मामले में ग्वालियर उच्च न्यायालय ने दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस तारत य में नगरीय प्रशासन विभाग ने 4 सित बर को अध्यक्ष को पद से हटाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए उनसे जवाब मांगा। पार्षदों से जवाब कलेक्टर ने मांगा और इस मामले में भी नपाध्यक्ष तथा दोषी पार्षदों को तत्काल पद से हटाया जाए।

सीएमओ के आदेश की अनदेखी की थी परिषद ने
डॉ. रामनिवास शर्मा ने बताया कि 18 जुलाई 2012 को उस समय के सीएमओ श्री द्विवेदी ने नपा के कार्यपालन यंत्री आरबी गुप्ता, सहायक यंत्री और उपयंत्री सुनील पाण्डे, आरडी शर्मा, केएस शर्मा को शासकीय पत्र लिखकर अपनी नाराजगी से अवगत कराया था।

सीएमओ ने पत्र में लिखा था कि कलेक्टर द्वारा सीसी रोड निर्माण कार्य कराये जाने पर रोक लगाए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। इसी संबंध में आपको कई बार अवगत कराया गया है कि सीसी रोड निर्माण के प्रकरण तैयार न किए जाएं। लेकिन आपके द्वारा सीसी रोड निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु मेरे पास भेजे जाते हैं और स्वीकृति हेतु आवश्यक दबाव भी डाला जाता है। आपका यह कृत्य शासन आदेश की अव्हेलना और अनुशासनहीनता तथा संस्था को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाला है।

सीवर लाइन डाले जाने के उपरांत उक्त सीसी रोड को होने वाली क्षति के लिए आप स्वयं व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। लेकिन इसके बाद भी शहर में सीसी रोडें डाली गईं।