बच्चों को बीमारियों से बचाने अब सिर्फ एक टीका लगेगा

शिवपुरी। जन्म से सवा साल तक के बच्चों में पांच बीमारियों से बचाव हेतु चार बार में पेंटावेलेंट वेक्सीन के टीके नि:शुल्क लगाए जाएगें। पेंटावेलेंट वेक्सीन का शुभारंभ जिला एवं खण्ड स्तरों पर आज से किया जाएगा। उक्त आशय की जानकारी जिला कलेक्टर राजीव दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला टीकाकरण कार्यबल एवं जिला टास्क फोर्स की द्वितीय बैठक में दी गई।

जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एल.एस.उचारिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.संजय ऋषिश्वर सहित चिकित्सकगण तथा संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। जिला कलेक्टर राजीव दुबे ने कहा कि नवजात शिशुओं को पांच बीमारियों की रोकथाम हेतु अलग-अलग टीको के स्थान पर अब एक '' पेंटावेलेंट वेक्सीनÓÓ का टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों के माध्यम से विशेषकर माताओं तक पहुंचाएं।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि टीका लगाने के कार्य का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नवजात बच्चों में पेंटावेलेंट वेक्सीन (टीका) लगाने की शुरूआत 29 अक्टूबर से की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.उचारिया ने बताया कि जिले में बच्चों में पेंटावेलेंट वेक्सीन (टीका) लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जिले में वेक्सीन फोकल पाइन्टों हेतु 38 हजार डोज प्राप्त हो चुका है। उक्त वेक्सीन फोकल पोइन्टों पर भेजी जा चुकी है। जिले में सेक्टर चिकित्सा अधिकारी, बी.पी.एम., बी.सी.एम.बी.ई.ई. का जिला स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है। जबकि जिले में टीका लगाने हेतु स्वास्थ्य एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इस कार्य में महिला एवं बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. ऋषिश्वर ने बताया कि नवजात बच्चों में गलघोटू, टिटनेस, काली खांसी, हिपेटाईटिस-बी एवं हिब के लिए अलग-अलग टीके नहीं लगेंगे। बल्कि इन बीमारियों से बचाव हेतु एक पेंटावेलेंट वेक्सीन (टीका) नि:शुल्क लगाया जाएगा। यह टीका नवजात शिशु के जन्म से डेढ़ महीने से लेकर सवा साल की उम तक चार वार लगाया जाएगा। यह टीका बच्चों के लिए वरदान सावित होगा। इससे शिशु मृत्युदर में कमी आएगी।

जिले में लगभग 2.5 लाख टीके लगाये जाएंगे। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में बच्चों के निमोनिया, दिमागी बुखार, कान बहने की रोकथाम के लिए कोई भी टीका उपलबध नहीं था। पेंटावेलेंट वेक्सीन, हिब (टीका) बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। हर वर्ष विश्व में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 3 लाख, 70 हजार बच्चों की मृत्यु एच इन लूएन्जी टाइप बी (हिब) रोग से होती है। इनमें से लगभग 20 प्रतिशत बच्चे भारत के होते हैं।

हिब रोग के पश्चात जीवित बचे अधिकतर बच्चों में दीर्घकालिक प्रभाव जैसे स्थायी लकवापन, बहरापन और मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होना पाया जाता है। हिब टीके से निमोनिया के एक तिहाई केस एवं मेनिनजाइटिस की 90 प्रतिशत बीमारी की रोकथाम हो सकती है। पेंटावेलेंट टीका शुरू होने से अब बच्चों को मात्र एक सुई 3 बार ही लगाई जाएगी (डेढ़ ढाई और साढ़े तीन माह)। पूर्व में 6 बार सुई लगाई जाती थी।