जननी एक्सप्रेस नहीं आई, इंतजार में गई प्रसुता की जान

शिवपुरी। कॉल करने के बाद नही पंहुची जननी एक्सप्रेस, जिससे एक आदिवासी प्रसुता का घर पर ही प्रसव करना पड़ा, इस असुरक्षित प्रसव के कारण प्रसुता की मौत हो गई और नवजात बच्ची की हालत गंभीर बनी है।

जानकारी के अनुसार जिले के बूड़दा ग्राम पंचायत के बसई गांव में निवास करने वाले शैरू आदिवासी की पत्नि जमुना को 30 अगस्त की रात को प्रसव पीड़ा होने लगी जननी-एक्सप्रेस को कॉल किया गया लेकिन काफी इंतजार करने के बाद जननी-एक्सप्रेस नही आई-

इधर प्रसुता जमुना की प्रसव पीड़ा बढने लगी गांव की ही बुजर्ग महिलाओ ने प्रसव कराने की कोशिश की और इस असुरक्षित प्रसव में जमुना ने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन जमुना की मौत हो गई,और नवजात बच्ची हालत गंभीर बनी हुई है।

बताया गया है इससे पहले भी शेरू आदिवासी इस असुरक्षित प्रसव के कारण अपनी पहली बच्ची को खो चुका है ग्रामीणो ने बताया कि कॉल करने के बाद आज तक इस गांव मे जननी एक्सप्रेंस नही पंहुची है, इस गॉव के लोग या तो स्वंय पैसा खर्च कर वाहन लाते है या फिर ऐसे ही असुरक्षित प्रसव कराते है

इस मामले में शिवपुरी सामाचार डाट कॉम कुछ सवाल खड़े कर रहा है कॉल करने के बाद भी जननी नही आई और इधर एक प्रसुता की जान चली गई।

इससे पूर्व भी शेरू आदिवासी की पत्नि की जान ऐसे ही असूरक्षित प्रसव में जान चली गई थी। क्या इस जान की कोई कीमत नही है कॉल करने के बाद जननी एक्सप्रेस का ना आना एक गंभीर लापरवाही है। भारतीय संविधान में लापरवाही के कारण किसी की जान जाने की एक धारा बनती है नए कलेक्टर साहब को व्यवस्था सुधारने ने लिए ऐसे कड़े कदम उठाने  होंगे, और  जिम्मेदारों के खिलाफ कडी कार्यवाही हो तभी गरीब के अच्छे दिन आ सकते है।