प्रशासनिक प्रयास बिफल, झंडा गांव से पलायन शुरू

शिवपुरी। करैरा झंडा गांव में डेंगू और अज्ञात बीमारी के कहर से ग्रामीण गांव छोड़ रहे हैं 500 परिवारों की आबादी वाले इस गांव में अब तक 100 परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले चुके हैं। इस गांव के ग्रामीणो को अब नही रहा है,म.प्र. शासन के ईलाज और दवाओ पर भरोसा वे झांसी ईजाज कर रहै है।

यहां डेंगू से अब तक 12 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है गांव के हालात यह हैं कि बचे हुए लोग भी दूसरी जगह जाने की तैयारी कर रहे हैं गांव में स्वास्थ्य विभाग ने अभी भी एक कैंप लगाया हुआ है, लेकिन यहां इलाज कराने कोई नहीं जा रहा है।

ग्रामीणों का कहना है,कि म.प्र. शासन की मु त में मुलने वाली दवाए वेअसर है इस कारण हमारं गांव में यह बीमारी डाक्टरो के कंट्रोल में नही आ रही है इसलिए हमारे कई ग्रामीण यूपी में ईलाज करा रहै है।

बताया ता रहा है शुरू से ही यहां सरकारी कै प लगे हुए है, परन्तु बीमारी डॉक्टरो के कंट्रोल में नही आ रही है यहा खैरात ही जान ले रही है,बीमारी को काबू करने वाली दवाए बेअसर हो रही है। इस कारण म.प्र.शासन की दवाओ से ज्यादा भरोसा झंडा के ग्रामीण झंासी यूपी के ईलाज पर ज्यादा भरोसा कर रहै है। यहां झंडा गांव के हालात से म.प्र. शासन की खैराती दवाओ पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

झंडा गांव में डेंगू की बीमारी की वजह से अब तक 12 से अधिक मौतें हो चुकी हैं इसके अलावा 40 से ज्यादा लोगों में डेंगू पॉजीटिव पाया गया है जिला अस्पताल में ही करीब 150 से ज्यादा लोगों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा चुका हैए जिसमें से 100 से अधिक लोगों को ग्वालियर एवं झांसी भी रैफर किया जा चुका है ।