कोचेटा परिवार ने की कल्पसूत्र को घर ले जाकर भक्ति

शिवपुरी। श्वेता बर जैन समाज द्वारा चल रहे वार्षिक पर्यूषण पर्व के चौथे दिन आज कल्पसूत्र का वाचन किया गया। एक दिन पूर्व कल्पसूत्र को बाजे गाजे के साथ अपने घर ले जाकर कोचेटा परिवार द्वारा भक्ति की गई जिसमें समाज के सभी स्त्री पुरूष एवं बच्चों ने भाग लेकर भक्ति का आनंद उठाया।

उक्त जानकारी देते हुए सचिव धर्मेन्द्र गूगलिया ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दिनों में तीन दिन पश्चात कल्पसूत्र का वाचन होता है। कल्पसूत्र एक ग्रंथ है जिसके रचियता पूज्यपाद आ. दे. श्री वि अजितशेखरसूरीश्वरजी महाराज हैं, इसेे अष्ठाहिका व्या यान भी कहते हैं। पर्यूषण पर्व के तीन दिनों के पश्चात उक्त ग्रंथ का वाचन किया जाता है। ग्रंथ को पढऩे से पूर्व शुद्धिकरण हेतु पूजा अर्चना एवं भक्ति की जाती है।

आज इस भक्ति का लाभ शिखरचंद कोचेटा परिवार द्वारा लिया गया। उक्त ग्रंथ को गाजे बाजे के साथ कोचेटा जी के घर पर ले जाया गया और नृत्य संगीत के साथ भक्ति की गई। जिसमें समाज के सभी स्त्री, पुरूष एवं बच्चों ने भाग लिया। प्रात: उक्त कल्पसूत्र गं्रथ को पुन: गाजे बाजे के साथ मंदिर ले जाया गया, जहां शुद्धिकरण पश्चात उसमें रचित व्या यान को जैन श्रावक भाई सुरेश जैन, विक्रम जैन,नरेश जैन एवं द्रिशक जैन द्वारा सुनाया गया।

आराधना भवन में भी पर्यूषण पर्व की धूम
श्वेता बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ आराधना भवन में पर्यूषण पर्व चेन्नई से आए युवा जैन भाईयों के सानिध्य में मना रहा है। जो प्रतिदिन प्रात:काल धर्मोपदेश देकर पर्यूषण पर्व की महत्ता बता रहे हैं। कल पर्यूषण पर्व के चौथे दिन आराधना भवन में भगवान महावीर का जन्म उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर अनेक बोलियां भी ली जाएंगी तथा रात को श्वेता बर पाश्र्वनाथ मंदिर में भक्ति का आयोजन होगा।