अब जनता की सेवा में जुटेंगे पिछोर के पहलवान

शिवपुरी। पिछोर के पहलवान केपी सिंह अपनी विधानसभा क्षेत्र में दो सप्ताह का समय देने वाले है बताया ला रहा है कि वह अपने इस चुनाव से सबक लेते हुए अपने क्षेत्र में सक्रिय रहेगें। क्योकि इस विधानसभा चुनाव से खतरे की आलार्म बज चुका है और उन्हे इस बार करारी टक्कर देने वाले प्रीतम लोधी कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके है कि अब मेरा घर पिछोर क्षेत्र ही है।

इस बार के विधानसभा चुनाव में पिछोर के पहलवान मात्र 7 हजार वोटो से चुनाव से जीते थे, वह भी उस स्थिति में जबकि भाजपा ने यहां से बाहरी प्रत्याशी प्रीतम लोधी को चुनाव मैदान में उतारा था और भाजपा ने यहां हारी हुई लड़ाई लड़ी थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने के लिए नहीं आए थे। शायद इसी वजह से केपी सिंह मामूली अंतर से चुनाव जीत गए थे और प्रीतम लोधी के हाथ से जीत फिसल गई थी। इन संकेतों को समझकर केपी सिंह ने अब क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। 11 अगस्त से 24 अगस्त तक वह लगातार 12 दिन अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे।

2013 के विधानसभा चुनाव के पूर्व से ही संकेत साफ थे कि भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश में सत्ता प्राप्त करने जा रही है लेकिन भाजपा की हारी हुई सीटों की चर्चा के दौरान पिछोर की चर्चा अवश्य की जाती थी और ऐसा कहा जाता था कि कोई चमत्कार भी पिछोर में कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त नहीं कर पाएगा। कारण साफ था कि हर चुनाव में केपी सिंह आरामदायक बहुमत से चुनाव जीतते रहे थे।

यहां तक कि भाजपा प्रत्याशियों की उन्होंने जमानत तक जप्त करा दी थीं। उनसे हारने वालों में पूर्व मु यमंत्री उमाभारती के भाई स्वामी प्रसाद लोधी, पूर्व राजस्व मंत्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता, पूर्व मंत्री भैयासाहब लोधी, भाजपा जिला महामंत्री जगराम सिंह यादव आदि शामिल रहे। लोधी प्रभावित इस विधानसभा क्षेत्र में केपी सिंह का डंका बिना किसी बाधा के बजता रहा है।

2013 के विधानसभा चुनाव में तो भाजपा ने भी चुनाव से पूर्व ही एक तरह से हार स्वीकार कर ली थी। यह बात अलग है कि भाजपा केपी सिंह के विरुद्ध लहर का आंकलन नहीं कर पाई। मुख्यमंत्री की जनदर्शन यात्रा जब पिछोर विधानसभा क्षेत्र से आधी रात को निकली तो यहां जनदर्शन यात्रा का अभूतपूर्व स्वागत हुआ। इसके बावजूद भी भाजपा पतीले के चावलों को पढऩे में सफल नहीं रही। हारी हुई सीट मानकर भाजपा ने यहां से बाहरी प्रत्याशी प्रीतम लोधी को चुनाव मैदान में उतारा और उन्हें उनके भरोसे ही छोड़ दिया।

प्रीतम लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के अनुयायी माने जाते हैं इस कारण प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनको तबज्जो नहीं दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आमसभा लेने के लिए प्रीतम लोधी तरसते रहे लेकिन वह मुख्यमंत्री की सभा को नहीं करवा पाए।

परंतु ईव्हीएम मशीनें जब खुलीं तब पता चला कि भाजपा अपने पक्ष में अंडरकरंट को भांप नहीं पाई। यह नहीं कहा जा सकता कि पिछोर में शिवराज सिंह चौहान या नरेन्द्र मोदी का जादू चला। नरेन्द्र मोदी का जादू चला होता तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से 24 हजार से अधिक मतों से चुनाव नहीं जीतते। लोकसभा और विधानसभा चुनाव का एक मात्र फीडबैक था कि पिछोर में केपी सिंह की सल्तनत डगमगा रही है। आखिर कारण क्या है?

सबसे पहला कारण तो यह है कि पिछोर में कांग्रेस प्रत्याशी को लगातार चुनकर यह क्षेत्र और यहां की जनता मुख्य धारा से कटती जा रही है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि चुनाव जीतने के बाद केपी सिंह की इलाके में और जनता के बीच जितनी सक्रियता होनी चाहिए थी वह अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। कांग्रेस की गुटबाजी का खामियाजा भी क्षेत्र को भुगतना पड़ रहा है। इस कारण अपने घटते जनाधार से चिंतित केपी सिंह ने इलाके में सक्रियता बढ़ानी शुरु कर दी है। हालांकि कई बार वह यह भी कह चुके हैं कि अब वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन कहने की बात अलग है। सच्चाई यह है कि सत्ता के मोह को छोडऩा इतना आसान नहीं है।

यह है विधायक सिंह 12 दिन के विधानसभा दौरे का कार्यक्रम हमारे खनियांधाना संवाददाता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री और पिछोर विधायक केपी सिंह 11 अगस्त से अपने विधानसभा क्षेत्र के 12 दिवसीय दौरे पर रहेेंगे। श्री सिंह 11 अगस्त को अपने दौरे की शुरुआत पिछोर से करेंगे। 12 अगस्त को वह भौंती में जनसंपर्क करेेंगे तथा 13 अगस्त को श्री सिंधिया के साथ पिछोर में रहेंगे। 14 अगस्त को श्री सिंह फिर भौंती पहुंचकर जनता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे तथा 15 और 16 अगस्त को वह फिर खनियांधाना में जनसंपर्क करेंगे। 17 अगस्त को श्री सिंह भौंती, 19 अगस्त को करारखेड़ा, 20 अगस्त को पिपरौदा छात्रावास, 21 को अछरौनी और 22 को बामौरकलां मंडी में पहुंचकर जनसंपर्क करेंगे। विधायक सिंह 23 अगस्त को खनियांधाना में और 24 अगस्त को पिछोर में जनसंपर्क के साथ-साथ अपने दौरे को समाप्त करेंगे।