हाईकोर्ट की अवमानना: सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन जारी

शिवपुरी/नरवर। जिले के नरवर क्षेत्र में पहाड़ पर भूमि सर्वे क्रमांक 47/2 पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लगी रोक को अवैध उत्खननकर्ता नजरअंदाज करते हुए प्रतिदिन अवैध रूप से उत्खनन कर रहे है।
बताया जाता है कि गत दिवस भी यहां जब अवैध उत्खनन हो रहा था तब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और एक जेसीबी को पहाड़ किनारे से गिट्टी भरते हुए पाया लेकिन बाद में ऐसा ना जाने क्या हुआ कि तहसीलदार ने इस जेसीबी को समझाईश देकर छोड़ दिया। यहां बताना होगा कि कई बार शासन को लिखित व मौखिक रूप से स्थानीय लोगों द्वारा इस ओर अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कार्यवाही की मांग की गई। यहां बताया जाता है कि करोड़ों रूपये का अवैध उत्खनन हो चुका है और इसके बाबजूद भी उत्खनन जोरों पर जारी है। यहां पर करोड़ों रूपये का उत्खनन नियमित रूप से जारी था जिसे रोकने के लिए स्थानीय निवासी अरविन्द जैन ने भी माननीय उच्च न्यायालय में भी जनहित याचिका लगाई और पहाड़ को बचाने के लिए इस भूमि को शासकीय घोषित करने की मांग की। 

जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश क्रमांक 1321/14 पर इस पहाड़ी भूमि को शासकीय घोषित भी किया बाबजूद इसके यहां अवैध रूप से उत्खनन निरंतर जारी रहा। यहां इस भूमि पर अपना आधिपत्य फिरोज खान व शब्बीर खान भी जता रहे थे चूंॅकि वर्ष 1991 में स्वयं शब्बीर खान विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे इसलिए उन्होंने अपने कार्यों के चलते इस भूमि को वर्ष 1991 में ही व्यवस्थापन्न के तहत अय्यूम खान के नाम कर दिया और बाद में इसे स्वयं के नाम करा लिया। उस समय आपत्ति जताते हुए अरविन्द जैन ने माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका की गुहार लगाते हुए इस भूमि को शासकीय घोषित करने की मांग की गई थी और यह हुआ भी।

इनका कहना है-
हमने तो रोड़ पर एक ड फर देखा जिसे जेसीबी द्वारा ारा जा रहा था चूंकि वह जेसीबी एक निर्माणाधीन कंपनी में अटैच है इसलिए वह रोड़ किनारे से गिट्टी भर रही थी जिसे बाद में समझाईश दी गई कि यह दस्तावेजों में शासकीय भूमि है इसलिए यहां से किसी प्रकार का भराव ना किया जाए। रही बात पहाड़ की तो वह भूमि शासकीय है और शासन के निर्देशानुसार यहां हर प्रकार के अवैध उत्खनन को रोकनेके लिए हम कार्यरत है।
श्री वर्मा
तहसीलदार नरवर