शिवपुरी। शहर के निजी विद्यालयों की मनमानी के विरूद्ध अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन(एन.एस.यू.आई.) ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए इस तरह की अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
इस संदर्भ में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अमित शिवहरे व जिलाध्यक्ष अरविन्द रावत ने संयुक्त रूप से जारी अपने बयान में कहा कि निजी विद्यालयों की मनमानी इस कदर हावी है कि एक सामान्य व्यक्ति इन विद्यालयों में आरटीई के तहत मिलने वाले प्रवेश से भी वंचित है इसके बाद भी स्कूल प्रबंधनों ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी, इसका कारण है कि इन निजी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों से प्रतिवर्ष बच्चों की शिक्षा के नाम पर बढ़ा हुआ शिक्षण शुल्क, पुस्तकों की अधिक रेट के साथ-साथ स्कूली डे्रसों को खरीदने के नाम पर वसूली की जा रही है।
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में अपना विरोध दर्ज कराते हुए एनएसयूआई के लक्ष्मण शर्मा, आकाश यादव, पुनीत शर्मा, प्रमोद धाकड़ आदि ने बताया कि कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में एनएसयूआई मांग करते है कि जिलाधीश द्वारा निजी स्कूलों की जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर कार्यवाही हो, डीपीसी द्वारा की गई जांच में पाया कि एनसीईआरटी की किताबें ना देते हुए स्कूल प्रबंधनों ने महंगे कोर्स दिए, प्रबंधन समिति में शामिल शासकीय कर्मचारियों की अनुपस्थिति में सभी जगह मनमानी फीस वृद्धि की गई, आरटीई के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा, प्रवेश शुल्क के नाम पर 8 से 10 हजार रूपये शुल्क वसूला जाना अपनी पसंद की दुकानों से डे्रस, महंगी किताबें खरीदने को बाध्य करना, धारा 144 की कार्यवाही ना होने से स्कूलों ने 100 से 150 प्रति छात्र फीस वृद्धि की है। यदि शीघ्र इन मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो एनएसयूआई धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगी।
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