सावधान! बीच शहर में जन्मे मगरमच्छ के बच्चे

शिवपुरी-बारिश के मौसम में जीव जन्तुओं से अब खतरा बढऩा तय है इसका कारण है कि बीच शहर नाले में एक मादा मगरमच्छ ने अपने 10 से 12 बच्चों को जन्म दिया है निश्चित रूप से इन बच्चों की चहलकदमी होगी।
इस खबर से लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है वहीं वन विभाग द्वारा इस तरह की कोई भी सूचना ना होना कहकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ रहे है यदि भविष्य में मगरमच्छ के द्वारा कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए जि मेदर कौन होगा, यह अब नागरिकों के जेहन में है। ऐसे में लोगों में मगरमच्छ के बच्चे पैदा होने की खबर से परेशान है क्योंकि इस समय बारिश के मौसम के चलते बच्चों को जहां स्कूल जाना पड़ता है तो वहीं आमजन भी अपने रोजमर्रा के काम के लिए घर से बाहर निकलते है।

बीचों बीच बाजार में है नाला
यहां बताना होगा कि जिस नाले में मादा मगरमच्छ ने इन बच्चों को जन्म दिया है वह शहर के बीचों बीच विष्णु मंदिर से पुरानी शिवपुरी को जोडऩे वाले मु य मार्ग और दूसरा महावीर नगर के समीप स्थित है। यहां मादा मगरमच्छ अपने सभी बच्चों के साथ आराम से इस नाले मे विचरण कर रही है चूंॅकि इस नाले के आसपास का सारा इलाका रिहायशी है जिससे लोग और दहशत में है।  इस नाले से लगा महावीर नगर भी है इस नाले के किनारे रहने वाले लोगो मे दहशत का माहोल बना हुआ है क्योंकि मगरमच्छ नाले से निकलकर कई बार रिहायशी बस्तियों में भी आ जाते है वही इस क्षेत्र के रहवासीयों ने कई बार वन विभाग को इसकी सूचना दी है पर वन विभाग किसी बडे हादसे का इंतजार कर रहा है।

गंदे नाले को बनाया घर
पानी से निकलकर बाहर आराम करती ये मादा मगरमच्छ किसी तालाब या नदी के किनारे आराम नहीं कर रही है बल्कि ये एक गंदा नाला है जो शहर के बीचों बीच  है। इस मादा मगरमच्छ ने इसी नाले को अपना घर बना लिया है और इसी नाले में इस मादा मगरमच्छ ने दस से बाराह बच्चों को जनम दिया है जो अब करीब एक साल के हो गऐ है यह बच्चे अभी भी मादा मगरमच्छ की देख रेख मे बडे हो रहै है और अपना शिकार करना भी सीख चुके है इस मादा मगर मच्छ को आस पास के लोगो का डर हो न हो पर क्षेत्र के लोगो मे इस मादा मगरमच्छ से घबराहट का माहोल जरूर बना हुआ है । इस नाले के पास बने मंदिर मे पहले भक्तों की कतार लगा करती थी पर जब से भक्तो ने इस मंदिर के पास नाले मे मगरमच्छ मादा और उसके बच्चों को देखा है तब से इस मदिर पर भक्तो का आना कम हो गया है।  वन विभाग को इस मगरमच्छ के होने की सूचना देने के बाद भी किसी भी वन कर्मी ने इस मगरमच्छ को देखने की जहमत तक नही उठाई है

क्या कहते हैं रहवासी
इस नाले के किनारे रहने वालो का कहना है कि अक्सर इस नाले मे मगरमच्छ देखे जा सकते है और यह मगरमच्छ नाले के किनारे जानवरों को अपना निशाना बना चुके है वही इस नाले के आसपास बच्चे भी खेला  करते है और इस नाले के किनारे बनी सडक से रात को भी अन्धेरे मे लोग गुजरते है पर प्रशासन व वन विभाग को खबर होने के बाद भी मगरमच्छो को यहां से नही हटाया जा रहा है। कहीं किसी अनहोनी के डर से बच्चों के माता पिता अपने बच्चों को खेलने घर से बाहर नही जाने देते है।

इनका कहना है
इस नाले को जोडने वाले जाघव सागर तालाब से ये मगर अक्सर इस नाले मे आ जाते है और अगर इस नाले मे किसी मादा मगर मच्छ ने बच्चों को जन्म दिया है तो उसे वहां से हटाना नामुमकिन है फि र भी वह अपने बरिष्ठ अधीकारियों को इस मादा के नाले मे होने की बात से अवगत करायेंगे और जो भी अधीकारी कहेंगे तो उनके र्निदेष पर रेस्क्यू चलाया जा सकता है।

डॉ जितेंद्र जाटव
वाईल्ड लाईफ  रेस्क्यू अधिकारी
माधव नेशनल पार्क शिवपुरी