सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का नहीं हो सका क्रियान्वयन, कब्जा टला

शिवपुरी। 61 साल के बाद शहर के हृदयस्थल एबी रोड पर गांधी आश्रम के सामने किराए पर दी गई 15 हजार 600 वर्ग फिट जमीन को उसके मालिक श्याम भारद्धाज को कब्जा देने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने अवश्य दे दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का क्रियान्वयन नहीं हो सका।

बताया जाता है कि कब्जा सौंपे जाने के दौरान नेशनल हाईवे नियमों को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना गहराया कि जमीन मालिक श्याम भारद्वाज ने यहां तक कहा कि उसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत लगभग 1100 वर्गफिट शासकीय जमीन सौंपी जा रही है। हालांकि जमीन पर बने हुए अन्य अतिक्रमणों को अवश्य साफ कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में अब सर्वोच्च न्यायालय से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।

विवाद यह हुआ कि कब्जा सौंपे जाते समय हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने एबी रोड सेंटर से 49 फिट जमीन छोड़ी और इसके बाद 104 बाई 150 का प्लॉट जमीन मालिक को सौंपे जाने की पेशकश की जबकि श्याम भारद्वाज का कहना था कि राष्ट्रीय राजमार्ग के नियम के अनुसार वह रोड सेंटर से 60 फिट जमीन छोड़कर कब्जा लेंगे। श्री भारद्वाज के अनुसार यदि वह रोड सेंटर से 49 फिट जमीन छोड़कर कब्जा लेते हैं तो इसका अर्थ है कि लगभग 1100 वर्गफिट जमीन उन्हें शासकीय दी जा रही है।

विदित हो कि दिल्ली निवासी श्याम भारद्वाज ने सन् 1953 में भारत पेट्रोलियम को किराए पर उक्त जमीन दी थी। भारत पेट्रोलियम ने मॉडर्न मोटर्स को कंपनी का अधिकृत विक्रेता नियुक्त कर उक्त जमीन पर पेट्रोल पंप चलाने की इजाजत दे दी। सन् 2003 में श्याम भारद्वाज ने जमीन खाली कराने के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया। अधिनस्थ न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक फैसला श्याम भारद्वाज के पक्ष में गया। फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम को निर्देशित किया कि वह जमीन से अपना कब्जा हटाकर उक्त जमीन का कब्जा श्याम भारद्वाज को सौंपे।

इसी तारत य में लगभग एक सप्ताह से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारी शिवपुरी आए। उक्त जमीन के पिछले हिस्से में अतिक्रमण हो रहा था इस कारण श्याम भारद्वाज ने कहा कि जब तक पूरी जमीन खाली कराकर उन्हें नहीं सौंप दी जाती तब तक वे कब्जे के कागजातों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इस पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने अतिक्रामकों से जमीन खाली कराई। इसके बाद विवाद रोड सेंटर से जमीन कितने फुट छोड़ी जाए को लेकर हो गया।