खुशी से झूम रहे हैं शिवपुरी के अतिथि प्रॉफेसर्स

शिवपुरी। सरकारी कॉलेजों में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वानों के चेहरों पर इस समय रौनक देखी जा रही है। सरकार की हरी झंडी के बाद प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के 1600 से ज्यादा पद भरे जाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन अतिथि विद्वानों को स्थायी रोजगार मिलने के आसार नजर रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा लोक सेवा आयोग के माध्यम से सहायक प्राध्यापकों के पद भरे जाएंगे, जिसमें दो साल में पूरी भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। पिछले कई साल से सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों के पद खाली होने के कारण अतिथि विद्वानों से ही काम चलाया जा रहा था।

कई कॉलेज तो ऐसे हैं जो एक-दो प्रोफेसरों के सहारे ही चल रहे थे। इनमें अतिथि विद्वान ही छात्रों को पढ़ा रहे थे। शिवपुरी पीजी कॉलेज में बीबीए, बीकॉम क प्यूटर, बीएससी क प्यूटर, पीजीडीसीए, एमए इंग्लिश आदि में स्थायी प्रोफेसर की जगह खाली होने के कारण अतिथि विद्वान ही पढ़ाई करा रहे थे। अब भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद कॉलेजों में स्थायी स्टाफ मिल सकेगा।

शिवपुरी पीजी कॉलेज मेें  प्रोफेसरों के पचास प्रतिशत पद खाली है। कई डिपार्टमेंट तो ऐसे हैं जिनमें एक भी प्रोफेसर नहीं। अब नई भर्ती होगी तो स्वाभाविक है कि इसका लाभ मिलेगा। पर्याप्त स्टाफ  रहेगा तो इससे व्यवस्था और अच्छी होगी।

ऐसे चलेगी भर्ती प्रक्रिया
प्रदेश में सभी सरकारी कॉलेजों में जो भर्ती प्रक्रिया सहायक प्राध्यापकों की होगीए उसमें अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष के हिसाब से चार अंक अनुभव के आधार पर दिए जाएंगे। भर्ती के दौरान अधिकतम 20 अंक तक का अतिरिक्त लाभ इन अतिथि विद्वानों को मिल सकेगा। अभी अतिथि विद्वान अस्थायी तौर पर प्रति क्लास के हिसाब से भुगतान पाते हैं,लेकिन जब स्थायी भर्ती हो जाएगी तो बढ़ा हुआ वेतन इन्हें मिलेगा। जिले में शिवपुरी, पोहरी, पिछोर, करैरा में पहले से कॉलेज चल रहे हैं और यहां पहले से कई पद खाली हैं। खनियांधाना और नरवर में इस साल कॉलेज शुरू हुए हैं और यहां पर भी पद खाली हैं और इन पर भर्ती शुरू होगी।