मनरेगा में हुए 21 करोड़ के नियम विरुद्ध जॉब

शिवपुरी। आज स्थानीय जायका होटल में जिलापंचायत के सदस्य सतीश फौजी ने एक पत्रकार वार्ता में शिवपुरी के प्रदेश में मनरेगा में 5वा स्थान पर होने के कारणो का खुलासा किया है, फौजी ने कहा कि इस चार वर्ष में पूरे जिले में मनरेगा के नाम पर कार्य नियम विरूद्व किए गये है जिसके करोड़ रूपये रााशि को बदरवाट किया गया है । सतीश फौजी ने कहा कि एक जिले की एक पंचायम को तो भारत स्तर पर आना चाहिए क्यो कि इस पंचायत में 700 जॉवकार्ड धारी है।

जिले के दिनारा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य सतीश यादव फौजी ने जिला पंचायत के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों पर सवाल खड़े किए है और अपने द्वारा एकत्रित जानकारी के आधार पर यह तत्कालीन अपर मु य सचिव आर.परशुराम के 19 अप्रैल 2011 को जारी निर्र्देशों में कहा गया था कि मु यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गुणवत्ता युक्त सड़कों का निर्माण किया जाना है लेकिन कतिपय जिलों में अभी भी मु यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अन्य एजेसिंयों को सड़क निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृतियां दी जा रही है जबकि उक्त योजना अंतर्गत सभी बसाहटों को जोड़े जाने का कर्यक्रम बनाया गया है।

इसलिए ग्राम के आंतरिक मार्गोँ को छोड़कर अन्य सभी मार्गों के निर्माण की नई स्वीकृतियां विभाग के अनुमोदन के बिना नहीं दी जावेए बाबजूद इसके इस आदेश को दरकिनार करते हुए जिला पंचायत से संबंधित शिवपुरीए बदरवासए कोलारसए खनियाधानाए पोहरीए नरवर और करैरा में 483 कार्यों को बिना अनुमति के मनरेगा का नाम देकर किया गया जिसमें इन कार्यों के बदले 2182.32 लाख रूपये की राशि का दुरूपयाग किया गया। 

यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्रदाय की गई है जिसमें शिवपुरी जिला पंचायत द्वारा सूचना के अधिकार के तहत संपूर्ण जानकारी नहीं दी गई, इसलिए यह जानकरी अधीक्षण यंत्रीए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्वालियर से प्राप्त की गई जिसमें बारीकी रूप से एक.एक भ्रष्टाचार की खुलती परतें अधिकारियों के भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है। इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध ना केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे वरन् जितनी राशि आहरित कर बिना अनुमति के भी कराए गए निर्माण कार्य कराए गए वह सारी राशि ग्राम पंचायत के सरपंच,सचिव, उपयंत्रीयों, सहायक यंत्री व जनपद सीईओ से वसूली जावे। 

यहां सतीश फौजी ने बताया कि इतनी बढ़ी अनियमितता होने के बाबजूद भी मध्यप्रदेश में मनरेगा का कार्य जिले में उत्कृष्ट है जिसका परिणाम है कि आज इस योजना के सफल संचालन के लिए शिवपुरी का नाम पांचवें स्थान पर दर्ज है। उपरोक्ता अनियमितता के लिए शिवपुरी जिले के मनरेगा के उपयंत्रीए सहायक यंत्री एवं मु य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल ग्वालियर ने उत्तरदायी माना है बाबजूद इसके इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। यहां बताना होगा कि यह तो केवल एक मात्र दिनारा पंचायत में 1-1.5 करोड़ रूपये की राशि का घोटाला सामने आया है यदि संपूर्ण जिले की 603 पंचायतों की जांच की जाए तो धरातल पर योजनाओं की हकीकत स्वतरू सामने आ जाऐंगी।

यूं किया हजारों.लाखों का भ्रष्टाचार
जनपद पंचायत शिवपुरी, पोहरी, करैरा, कोलारस, नरवर एवं बदरवास के जनपद सीईओ द्वारा प्रेषित की गई जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले में मनरेगा के तहत जनपदवार मुरमीकरणए बोल्डरध्मुरम पहुंच मार्ग कार्यों की तनीकि स्वीकृतियां एवं प्रशासकीय स्वीकृतियां कुल 483 कार्यों की जारी की गई है जिसकी लागत 2182.32 लाख है जिसमें जनपद पंचायत पोहरी में स्वीकृत कार्य 45 राशि 235.51 लाख, जनप शिवपुरी स्वीकृत कार्य 74 राशि 311.58 लाख, करैरा में स्वीकृत कार्य 24 राशि 118.96 लाख, कोलारस में स्वीकृत कार्य 60 राशि 259.36, नरवर में स्वीकृत कार्य 37 राशि 149.81 लाख, बदरवास में स्वीकृत कार्य 104 राशि 469.78 लाख और खनियाधाना में स्वीकृत कार्य 139 राशि 637.32 लाख रूपये की राशि आहरित कर निर्माण कार्य कराए गए। कुल 483 कार्यों की स्वीकृत के साथ ही 2182.32 लाख रूपये की राशि का बंटाढार किया गया। यह राशि इन जनपदों के सभी उपयंत्रियों, सरपंच सचिव से एकत्रित की जाए और इनसे वसूली की कार्यवाही हो साथ ही इन्होंने अपर मु य सचिव के आदेश को भी दरकिनार किया इसलिए अनुशासन कार्यवाही भी की जावे।

मनरेगा के समग्र स्वच्छता अभियान में मृतकों के नाम भी कर दिया गया मजदूरी का भुगतान
प्रेसवार्ता में जिपं सदस्य सतीश फौजी ने प्रमाणित आंकड़ों के आधार पर बताया कि जिले की दिनारा एवं अन्य ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत मृत लोगों के द्वारा ना केवल मस्टर रोल भरे गए बल्कि उन्हें कार्य करते हुए भी दर्शाया गया और उनका बकायदा भुगतान भी हुआ। जिसमें बद्रीप्रसाद गुप्ता पूर्व जनपद अध्यक्ष करैरा, दयाराम गुप्ता, हनुमंत प्रसाद सक्सैना, हमीद खान, मंशाराम यादव, रामशरण गुप्ता आदि शामिल है इसके अलावा पूर्व विधायक कामता प्रसाद खटीक, बृजेश गुप्ता प्रोफेसर, पवन गुप्ता बैंक मैनेजर, जयप्रकाश सोनी अध्यक्ष मार्केटिंग,  गौरव यादव सीईओ जनपद वर्तमान पदस्थी सागर, वर्तमान देवेन्द्र यादव सरपंच चंदावरा, राजाबेटी यादव सरपंच अवास, अरविन्द यादव सचिव ग्राम पंचायत कूढ़, बाबूलाल सांवला शिक्षक, अरविन्द गुप्ता, अवधेश जाटव आदि अनेकों ऐसे बहुत से नाम शामिल है जिसमें अधिकारियों ने अपनी मिलीभगत कर इन्हें मस्टर रोल के नाम से शासन की मनरेगा के तहत योजनाओं में शामिल किया जबकि हकीकत में इन सभी को यह भी ज्ञात नहीं कि वह मनरेगा के मजदूर है। ऐसे में यह घालमेल करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी ना केवल जांच हो बल्कि इनकी चोरी पकड़े जाने पर इन्हें निलंबित कर इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जावे। बताना होगा कि इस मामले में इस तरह का गड़बड़झाला करने वाले अधिकांशतरू सरपंच.सचिव एवं सप्लायर सतीश गुप्ता.सुनील गुप्ता के खिलाफ  तो एफ आईआर दर्ज करने के आदेश है लेकिन अधिकारियों ने अपनी हीलाहवाली के कारण अब तक इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। जिससे अधिकारियों की भी मिलीभगत इस पूरे मामले में जान पड़ती है। 

यादवेन्द्र भदौरिया निलंबित जबकि अन्य उपयंत्री क्यों बचें
प्रेसवार्ता में अपनी बात रखते हुए जिलापंचायत सदस्य सतीश फौजी ने बताया कि शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायतों के मु य कार्यपालन अधिकारियों से पत्र क्रंं.475दिं.09.04.14, 557दिं.28.04.14,600दि.01.05.14, 647दि.15.05.14ए 649दि.15.05.14 द्वारा मनरेगा के तहत मुरम बोल्डरध्मिट्टी मुरम पहुंच मार्गों के कार्यों की स्वीकृति संबंधी जानकारी चाही गई थी जिसमें खनियाधा सीईओ द्वारा पत्र क्रंण्48ध्मनरेगाध्2014 दिण्04ण्05ण्14 द्वारा खनियाधाना में मनरेगा के तहत स्वीकृत मुरमीकरणए मुरम बोल्डर पहुंच मार्गों की जानकारी दी गई। यहां यादवेन्द्र सिंह भदौरिया निलंबित सहायक यंत्री मनरेगा जपं खनियाधाना शिवपुरी के लिए 94 कार्यों की राशि 419.20 लाख रूपये की तकनीकि स्वीकृति जारी की जबकि मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रं.3894एमजीएनआरईजीएस.एमपी.एनआर.3.मनरगा 11 भोपाल दिनांक 19.4.2011 के द्वारा मु यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अतिरिक्त आंतरिक मार्गों को छाड़कर अन्य मार्गों के निर्माण की नई स्वीकृतियां विभाग के अनुमोदन के बिना नहीं दिए जाने के निर्देश थे इसलिए इन सभी जि मेदारियों के लिए दोषी मानते हुए यादवेन्द्र सिंह भदौरिया को निलंबित किया गया लेकिन इसके बाबजूद भी जिले भर की सात तहसीलों में भी इसी तरह की अन्य तकनीकियां स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराए गए उन सभी उपयंत्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे में जिले के बदरवासए खनियाधानाए करैराए नरवरए कोलारसए शिवपुरी व पोहरी के ऐसे उपयंत्री जिन्होंने अपर सचिव के आदेशों की अव्हेलना की और मनरेगा के तहत अन्य निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जावे और निकाली गई राशि से निर्माण कराकर उस निर्माण की राशि इन्हीं उपयंत्रीयों से वसूली जावे।