चैक डैम निर्माण की राशि का बंटाढार करने वाले पूर्व सरपंच व सचिव पर मामला दर्ज

शिवपुरी। जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र के ग्राम ईटमा के तत्कालीन सरपंच लल्लू आदिवासी और मृतक सचिव हजारीलाल रावत व दो हितग्राही ज्ञासी आदिवासी और दिनेश आदिवासी के खिलाफ पुलिस ने कल धारा 409 अमानत में यानत का मामला दर्ज किया है।
उक्त सरपंच और सचिव ने चेक डेम निर्माण की स्वीकृत राशि का 1 लाख 74 हजार 980 रूपये की राशि का आहरण कर उसे खुर्द-बुर्द कर दिया। साथ ही दोनों सरपंच सचिव ने दो हितग्राहियों को कुटीरों की राशि भी स्वीकृत का दी। लेकिन न तो आज तक कुटीरें बनीं और न ही हितग्राहियों की कोई जानकारी लग सकी है। जिसकी विभागीय जांच के बाद यह प्रकरण दर्ज किया गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी वर्तमान सचिव रामसिंह शिवहरे पुत्र अरदास शिवहरे ने जिपं द्वारा गठित की जांच के बाद आरोपी तत्कालीन सरपंच लल्लू आदिवासी और तत्कालीन सचिव स्व. हजारीलाल रावत को चेक डेम की स्वीकृत राशि 4 लाख 90 हजार वर्ष 2007-08 में जारी हुई थी। जिसमें से दोनों आरोपी सरपंच सचिव ने उक्त राशि में से 1 लाख 74 हजार 980 रूपये की राशि आहरण कर ली और उक्त राशि को खुर्द बुर्द कर दिया और चेक डेम नहीं बना तो इसकी शिकायत की गई तब जिपं ने एक जांच कमेटी गठित की। जिसमें परियोजना अधिकारी रागिनी त्रिवेदी, सहायक परियोजना अधिकारी इकबाल कुर्रेशी और राजेश गोयल को जांच अधिकारी नियुक्त किया। जिसका जांच प्रतिवेदन 4 मार्च 2014 को प्रस्तुत किया। जिसमें सरपंच और सचिव दोषी पाए गए। इस पर जिपं  ने कलेक्टर आरके जैन को मामले से अवगत कराया और कलेक्टर के हस्तक्षेप  के बाद दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए विभाग को निर्देशित किया।

कुटीरों का पैसा मिला पर नहीं कराया कार्य
इस मामले के साथ ही दो हितग्राही ज्ञासी पुत्र गनुआ आदिवासी और दिनेश पुत्र खैरू  आदिवासी निवासीगण रायचंद खेडी को भी बीआरजीएफ योजना के अंतर्गत अपना घर के तहत उक्त सरपंच सचिव ने दो कुटीरों का पैसा स्वीकृत कर लिया। जिसमें ज्ञासी आदिवासी को 25 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की। जबकि दिनेश आदिवासी को 35 हजार रूपये जारी किए गए। जिसके बाद न तो हितग्राहियों ने कोई निर्माण कार्य कराया है और न ही हितग्राही वहां मौजूद मिले। जिसकी छानबीन ग्राम पंचायत ने की तो ग्रामीणों ने बताया कि उक्त नाम के कोई भी ग्रामीण न यहां रहते हैं और न रहे हैं। जिस पर फर्जी तरीके से कुटीर स्वीकृत कराने का आरोपी भी सरपंच सचिव सहित हितग्राहियों को आरोपी बनाया।