व्यापमं घोटाले में तीन नए मंत्री भी फंसेंगे : दिग्विजय सिंह

शिवपुरी। शिवपुरी प्रवास पर आए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर व्यापम घोटाले की एसटीएफ द्वारा की गई जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस मामले में शीघ्र ही प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के नाम उजागर होंगे। हालांकि श्री सिंह ने उन तीन मंत्रियों के नाम स्पष्ट नहीं किए हैं लेकिन कहा कि बिना मुख्यमंत्री की शह के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं था।

सर्किट हाउस पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहले एसटीएफ प्रदेश सरकार के दबाव में थी। लेकिन वह उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आभारी हैं। जिन्होंने एसटीएफ को ठीक जांच करने के कड़ाई से निर्देश दिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस मामले की सीबीआई जांच नहीं चाहते तो श्री सिंह का जवाब था कि पहले उनका ऐसा विचार था, लेकिन उन्हें उच्च न्यायालय पर भरोसा है और उसकी निगरानी के कारण एसटीएफ भी निष्पक्षता से जांच करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने साफ-साफ कहा कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री की भूमिका है। जिनके संरक्षण में इतना बड़ा घोटाला हुआ है। यदि नितिन महेन्द्रा, पंकज त्रिवेदी और सुधीर शर्मा के मोबाइल कॉल डिटेल की जांच हो जाए तो सीएम हाउस की भूमिका स्पष्ट हो जाएगी।

विद्यार्थियों का लिया पक्ष, कहा कार्यवाही गलत
दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले में फर्जी तरीके से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को आरोपी बनाया जाना गलत बताते हुए कहा कि उन्हें सरकारी गवाह बनाया जाना चाहिए। जिससे घोटालेबाजों के खिलाफ स्पष्ट साक्ष्य मिल सके। लेकिन उनका मेडीकल कॉलेज में प्रवेश निरस्त हो तथा वेटिंग लिस्ट वालों को प्रवेश दिया जाए। इस मामले को उजागर करने के लिए उन्होंने ब्हिस्ल ब्लोयर डॉ. आनंद की भी प्रशंसा की। जिनके कारण मामला उजागर हुआ।

नियुक्तियों पर खड़े किए सवाल
दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में लोकसेवा आयोग के तहत हुई नियुक्तियों पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनकी भी जांच होनी चाहिए। पीएससी नियुक्तियों में भी बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां की गई हैं। छत्तीसगढ़ में पीएससी नियुक्तियों की जांच शुरू हो गई है। व्यापम घोटाले में उन्होंने कहा कि अभी तो पटवारी, आरक्षक, परिवहन आरक्षक, सब इंस्पेक्टर आदि सहित 7-8 नियुक्तियों की जांच  होनी है।

प्रेस को भी लिया लपेटे में
दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले में प्रेस की भूमिका को निष्पक्ष नहीं बताया। उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस मामले को उजागर करने में सराहनीय योगदान नहीं दिया। ब्हिसल ब्लोयर डॉ. आनंद और माननीय उच्च न्यायालय के प्रधान न्यायमूर्ति के कारण इस घोटाले की परतें खुल रही हैं। मीडिया पर श्री सिंह ने भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया।